Haryana news: हरियाणा में बिजली उपभोक्ता को मिलेगा मुआवजा, विभाग को आयोग ने दिए सख्त निर्देश

Top Haryana news: हरियाणा सेवा का अधिकार आयोग ने एक बिजली उपभोक्ता की शिकायत पर सुनवाई करते हुए बिजली निगम को मुआवजा देने के निर्देश दिए हैं।
शिकायतकर्ता ने बताया कि वह नियमित रूप से बिजली बिल भरता रहा है इसके बावजूद उसे गलत आधार पर 18 हजार रुपये का “हाफ मार्जिन” नोटिस भेजा गया जिससे वह काफी परेशान हो गया।
बिलिंग में हुई बड़ी गलती
प्रवक्ता के अनुसार उपभोक्ता ने हाफ मार्जिन नोटिस के बाद भी 9 हजार रुपये की आंशिक राशि जमा कर दी लेकिन फिर भी उसे लगातार गलत बिल भेजे जाते रहे।
असली गलती तब सामने आई जब यह पाया गया कि नवंबर 2023 से अप्रैल 2025 तक उपभोक्ता को जो बिजली बिल भेजे गए थे। वे के.डब्ल्यू.एच. (kWh) आधार पर थे, जबकि नियमानुसार के.वी.ए.एच. (kVAh) आधार पर भेजे जाने चाहिए थे।
इस गलती को ठीक करने के बाद उपभोक्ता को 61 हजार 688 रुपये का एक संशोधित बिल थमा दिया गया जिससे उसे मानसिक और आर्थिक परेशानी का सामना करना पड़ा।
विभाग की लापरवाही
आयोग ने साफ तौर पर कहा कि यह स्थिति उपभोक्ता की गलती नहीं है बल्कि यह बिजली विभाग की लापरवाही का नतीजा है। अगर समय पर सही बिल भेजे जाते तो उपभोक्ता नियमित रूप से भुगतान करता और इतनी बड़ी राशि बकाया नहीं होती।
मुआवजे के आदेश और रिपोर्ट की मांग
सेवा का अधिकार अधिनियम, 2014 की धारा 17(1)(ह) के तहत आयोग ने फैसला सुनाते हुए आदेश दिया कि उपभोक्ता को हर गलत बिल के लिए 1 हजार की दर से मुआवजा दिया जाए।
इसके साथ ही SDO को 8 अगस्त 2025 तक एक रिपोर्ट जमा करने को कहा गया है जिसमें यह बताया जाए कि 24 नवंबर 2023 से अब तक कितने बिल गलत आधार पर भेजे गए।
इस रिपोर्ट के आधार पर बिजली निगम के प्रबंध निदेशक यह सुनिश्चित करेंगे कि उपभोक्ता को पूरा मुआवजा मिले। साथ ही आयोग ने यह भी स्पष्ट किया कि निगम चाहे तो यह राशि दोषी अधिकारियों से वसूल सकता है।
उपभोक्ता को राहत और आसान भुगतान की सुविधा
आयोग ने यह भी आदेश दिया है कि संशोधित बिल तुरंत जारी किया जाए और अब तक किया गया भुगतान आंशिक भुगतान मानकर शेष राशि उपभोक्ता को अधिकतम दो किस्तों में चुकाने की सुविधा दी जाए। अगर उपभोक्ता किस्तों में भुगतान नहीं करता तो निगम को नियम अनुसार कार्रवाई करने की अनुमति होगी।