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Haryana news: हरियाणा ग्रुप C-D भर्ती नियमों पर हाई कोर्ट सख्त, HSSC चेयरमैन पर जुर्माना लगाने की चेतावनी

Haryana news: सरकार की लापरवाही पर हाई कोर्ट ने सख्ती दिखाई है। अब देखना होगा कि 29 मई से पहले सरकार भर्ती से जुड़े नियमों को अंतिम रूप देती है या फिर अधिकारियों को कोर्ट में पेश होना पड़ेगा...
 
हरियाणा ग्रुप C-D भर्ती नियमों पर हाई कोर्ट सख्त, HSSC चेयरमैन पर जुर्माना लगाने की चेतावनी
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Top Haryana: हरियाणा से जुड़ी एक बड़ी खबर सामने आई है। हाई कोर्ट ने ग्रुप C और ग्रुप D की भर्ती से जुड़े नियमों में देरी को लेकर हरियाणा सरकार को कड़ी फटकार लगाई है। कोर्ट ने साफ कहा है कि अगर सरकार ने समय रहते नियमों को अंतिम रूप नहीं दिया, तो राज्य के मुख्य सचिव और हरियाणा कर्मचारी चयन आयोग (HSSC) के चेयरमैन को न सिर्फ कोर्ट में पेश होना पड़ेगा, बल्कि दोनों को अपनी जेब से एक-एक लाख रुपये का जुर्माना भी भरना होगा।

क्या है मामला?
यह मामला हरियाणा में CET (कॉमन एंट्रेंस टेस्ट) के जरिए होने वाली ग्रुप C और ग्रुप D की भर्ती से जुड़ा है। कोर्ट ने पहले ही सरकार को इस भर्ती प्रक्रिया से जुड़े नियमों को सही करने का आदेश दिया था। खासकर उन बोनस अंकों को हटाने के निर्देश दिए गए थे, जो सामाजिक-आर्थिक आधार पर दिए जा रहे थे। कोर्ट ने इसे गलत बताया था और आदेश दिया था कि सरकार छह महीने के भीतर नए नियम बनाए।

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सरकार ने नहीं मानी बात
कोर्ट के आदेश को एक साल से ज्यादा समय हो चुका है, लेकिन सरकार ने अब तक नए नियम लागू नहीं किए हैं। जब तय समय में नियम नहीं बनाए गए तो अदालत में अवमानना याचिका दाखिल की गई। इस याचिका में मुख्य सचिव और HSSC चेयरमैन को पक्षकार बनाया गया है।

कोर्ट की सख्ती
अब हाई कोर्ट के जस्टिस हरकेश मनुजा ने इस मामले में सख्त रुख अपनाते हुए कहा है कि अगर 29 मई 2025 तक नियमों को अंतिम रूप नहीं दिया गया तो दोनों अधिकारियों को कोर्ट में पेश होना पड़ेगा। साथ ही दोनों को अपनी जेब से एक-एक लाख रुपये का जुर्माना देना होगा।

पहले भी चेतावनी मिल चुकी है
यह पहली बार नहीं है जब कोर्ट ने सरकार को चेतावनी दी हो। इससे पहले भी 7 मई की सुनवाई में अदालत ने सरकार से कहा था कि अब और देरी बर्दाश्त नहीं की जाएगी। इससे पहले 21 जनवरी 2025 की सुनवाई में सरकार ने कोर्ट को भरोसा दिलाया था कि वह चार हफ्तों में नियम बना लेगी पर अब तक कुछ ठोस काम नहीं हुआ।

फरवरी और मार्च में भी सरकार ने समय मांगा परंतु नतीजा शून्य रहा। सरकार हर बार कहती रही कि नियम बन रहे हैं पर कोर्ट ने पाया कि कोई प्रगति नहीं हुई है।

पारदर्शिता पर सवाल
कोर्ट ने यह भी कहा है कि जब तक नियम तय नहीं होते, तब तक यह साफ किया जाए कि क्या HSSC अभी भी CET 2025 की प्रक्रिया को आगे बढ़ाना चाहती है या नहीं। साथ ही अदालत ने कहा है कि आयोग को नियमों के मुताबिक ही काम करना होगा ताकि पारदर्शिता और स्थायित्व बना रहे। इससे यह सुनिश्चित होगा कि आयोग अपनी मर्जी से फैसले न ले सके।

अगली सुनवाई 29 मई को
अब इस मामले की अगली सुनवाई 29 मई 2025 को होगी। अगर तब तक सरकार ने नियमों को अंतिम रूप नहीं दिया, तो मुख्य सचिव और HSSC चेयरमैन को कोर्ट में पेश होकर जवाब देना होगा। साथ ही उन पर जुर्माना भी लग सकता है।

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