हे भगवान! 90 दिन में बनाते है डॉक्टर, लड़कियां बुलाती है फोन करके, उसके बाद...
Top Haryana, MadhyaPradesh Desk: मध्यप्रदेश के सागर जिले में एक बड़ा फर्जीवाड़ा सामने आया है। यहां एक ऐसा फर्जी कॉलेज चल रहा था, जो 10वीं पास युवाओं को सिर्फ 90 दिन की ट्रेनिंग देकर डॉक्टर बना रहा था। यह मामला तब सामने आया जब राज्य बाल संरक्षण आयोग के सदस्य ओमकार सिंह ने इस कॉलेज पर छापा मारा।
चल रहा था फर्जीवाड़ा
यह फर्जी संस्थान सागर शहर के सिविल लाइन इलाके में ‘राधा रमन इंस्टिट्यूट’ नाम से चल रहा था। यहां पैरामेडिकल कोर्स के नाम पर युवाओं से 32 हजार से लेकर 45 हजार रुपये तक की फीस वसूल की जा रही थी। इसके बदले उन्हें नकली सर्टिफिकेट दिए जा रहे थे, जिससे वे ग्रामीण इलाकों में क्लीनिक खोल सकें।
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छापेमारी के दौरान कॉलेज से एक बोरी में भरे हुए नकली सर्टिफिकेट और डॉक्यूमेंट मिले हैं। इतना ही नहीं वहां से नोट गिनने वाली मशीन और शराब-बीयर की खाली और भरी बोतलें भी मिली हैं। इससे पता चलता है कि यह संस्थान सिर्फ शिक्षा का दिखावा कर रहा था, असल में यहां कुछ और ही गतिविधियां चल रही थीं।
लड़कियां करती थी फोन
जांच में ये भी सामने आया है कि इस इंस्टिट्यूट में एक कॉल सेंटर भी चल रहा था। इसमें कुछ लड़कियां काम करती थीं, जो ग्रामीण इलाकों के युवाओं को फोन करके इस कोर्स के बारे में जानकारी देती थीं और उन्हें कॉलेज आने के लिए बुलाती थीं।
राज्य बाल संरक्षण आयोग को लगातार शिकायत मिल रही थी कि इस कॉलेज में युवाओं को गुमराह किया जा रहा है। कहा जा रहा था कि तीन महीने में डॉक्टर बनाकर उन्हें अच्छा रोजगार देने का झांसा दिया जा रहा है।
इससे पहले दमोह जिले में भी एक ऐसा मामला सामने आया था, जिसमें एक फर्जी महिला डॉक्टर ने खुद को लंदन से पढ़ा हुआ बताया था और 15 लोगों की हार्ट सर्जरी की थी। उनमें से 7 लोगों की मौत हो गई थी।
अब सवाल ये उठता है कि अगर ऐसे ही सैकड़ों युवाओं को नकली सर्टिफिकेट देकर क्लीनिक खोलने की छूट मिल गई, तो आम लोगों की जान खतरे में पड़ सकती है।
छापेमारी के समय कॉलेज संचालक को मौके पर बुलाया गया परंतु वह नहीं आया। सभी सबूतों और जब्त सामग्री की रिपोर्ट जिला कलेक्टर को सौंप दी गई है।
इस मामले में अब प्रशासन की बड़ी जिम्मेदारी बनती है कि वो ऐसी संस्थाओं पर कड़ी कार्रवाई करे, ताकि बच्चों के भविष्य और लोगों की जान के साथ खिलवाड़ न हो सके। कार्रवाई के समय आधा दर्जन से ज्यादा विभागों के अधिकारी और कर्मचारी भी मौजूद रहे।
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