हरियाणा की यूनिवर्सिटी ने बनाया स्मार्ट ट्रैफिक मॉडल, जो देगा जाम से छुटकारा

Top Haryana: यह तकनीक एक ऐसा स्मार्ट ट्रैफिक मॉडल है, जो हमें यह पहले ही बता देगा कि किस रास्ते पर ट्रैफिक ज्यादा है और कहां रास्ता खाली है। इससे लोग घर से निकलने से पहले वैकल्पिक रास्ता चुन सकेंगे और समय की बचत होगी।
कैसे काम करता है यह मॉडल?
इस मॉडल को यूनिवर्सिटी के कंप्यूटर साइंस विभाग ने तैयार किया है। यह तकनीक AI (आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस) और IoT (इंटरनेट ऑफ थिंग्स) पर आधारित है। इसका नाम रखा गया है ‘A Method to Predict Traffic Congestion in Smart Cities’, यानी “स्मार्ट शहरों में ट्रैफिक जाम की भविष्यवाणी करने की विधि”।
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इस तकनीक की सबसे बड़ी बात यह है कि यह ट्रैफिक के बारे में रियल टाइम में सटीक जानकारी देता है। जैसे ही किसी सड़क पर जाम होता है, यह मॉडल उसका डेटा जुटाता है और लोगों तक जानकारी पहुंचा देता है। इसके आधार पर लोग जाम वाली सड़क से बचकर दूसरे रास्ते से जा सकते हैं।
किसने किया निर्माण?
इस मॉडल को तैयार करने में प्रो. प्रीति गुलिया, सीनियर प्रो. डॉ. नसीब सिंह गिल और रिसर्च स्कॉलर आयुषी चहल ने मिलकर काम किया है। यह मॉडल इतना सटीक हो, इसके लिए इसे MAE (मीन्स एब्सोल्यूट एरर) और MSE (मीन्स स्क्वायर्ड एरर) जैसे तकनीकी तरीकों से परखा गया है। इनका इस्तेमाल इसलिए किया गया है ताकि यह मॉडल सही और भरोसेमंद जानकारी दे सके।
पेटेंट भी मिला
इस स्मार्ट ट्रैफिक मॉडल को भारत सरकार के पेटेंट कार्यालय से भी मंजूरी मिल चुकी है। यानी यह एक मान्यता प्राप्त और पंजीकृत तकनीक है, जिसका उपयोग अब आगे बढ़ाया जा सकता है।
सड़क सुरक्षा में भी मददगार
यह तकनीक सिर्फ ट्रैफिक जाम की जानकारी देने तक सीमित नहीं है, बल्कि यह सड़क सुरक्षा में भी उपयोगी साबित होगी। जब लोगों को पहले से पता होगा कि किस रास्ते पर ट्रैफिक है या दुर्घटना की संभावना ज्यादा है, तो वे ज्यादा सतर्क रहेंगे और सुरक्षित रास्ता चुन सकेंगे।
कहां हो सकता है इसका इस्तेमाल?
इस मॉडल का इस्तेमाल स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट्स में किया जा सकता है, जहां ट्रैफिक सेंसर्स और कैमरे पहले से ही लगे होते हैं। इससे शहरों की ट्रैफिक व्यवस्था और भी बेहतर होगी और लोग बिना किसी परेशानी के अपने गंतव्य तक पहुंच पाएंगे।
MDU द्वारा बनाया गया यह स्मार्ट ट्रैफिक मॉडल एक बेहतरीन पहल है। यह आने वाले समय में शहरों की ट्रैफिक समस्या को कम करेगा, समय की बचत करेगा और लोगों की यात्रा को सुरक्षित बनाएगा। ऐसी तकनीकों के जरिए स्मार्ट सिटी का सपना और भी नजदीक आता दिख रहा है।
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