Haryana news: पानीपत पंचायत चुनाव में अनोखा फैसला, सुप्रीम कोर्ट में खुली EVM, दोबारा गिनती हुई तो हारे हुए नेता को मिली जीत

Haryana news: हरियाणा के पानीपत जिले के बुआना लाखु गांव में सरपंच चुनाव को लेकर एक अनोखा और ऐतिहासिक मामला सामने आया है, आइए जानें पूरी खबर विस्तार से...
 

Top Haryana: हरियाणा के पानीपत जिले से एक बड़ी खबर सामने आ रही है। यहां सरपंच पद को लेकर विवाद इतना बढ़ गया कि मामला सुप्रीम कोर्ट तक पहुंचा।

सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में पहली बार EVM खुलवाकर मतों की दोबारा गिनती करवाई और फिर मोहित मलिक को 51 वोटों से विजयी घोषित किया। कोर्ट ने जिला प्रशासन को आदेश दिया कि दो दिनों के भीतर मोहित को सरपंच पद की शपथ दिलाई जाए और उन्हें आधिकारिक तौर पर विजेता घोषित किया जाए।

क्या थी पूरी कहानी?

यह विवाद 2 नवंबर 2024 को हुए पंचायत चुनाव से जुड़ा है। बुआना लाखु गांव में हुए सरपंच चुनाव में कुल 7 उम्मीदवार मैदान में थे, जिनमें मोहित मलिक और कुलदीप के बीच कड़ा मुकाबला था। गांव में कुल छह मतदान केंद्र बनाए गए थे बूथ नंबर 65, 66, 67, 68, 69 और 270।

गिनती के दौरान बूथ नंबर 69 पर नियुक्त पीठासीन अधिकारी से बड़ी गलती हो गई। उन्होंने मोहित को मिले वोट कुलदीप के नाम पर जोड़ दिए और कुलदीप के वोट मोहित को दे दिए। इसी गलती के चलते कुल वोट जोड़ने पर कुलदीप को विजेता घोषित कर दिया गया और उन्हें जीत का प्रमाणपत्र भी मिल गया।

लोगों ने उठाई आवाज

जब गांव के लोगों ने बूथवार वोटों की गणना की तो उन्हें इस गड़बड़ी का पता चला। लोगों ने तुरंत प्रशासन को इसकी जानकारी दी। इसके बाद चुनाव अधिकारियों ने दोबारा जांच की और गलती को स्वीकार करते हुए रातों-रात नतीजा बदला गया। मोहित मलिक को विजेता घोषित किया गया और कुलदीप के प्रमाणपत्र को रद्द करने के लिए लिखा गया।

सुप्रीम कोर्ट में पहुंचा मामला

हालांकि इस बदलाव के बाद भी विवाद शांत नहीं हुआ। मामला हाई कोर्ट और फिर सुप्रीम कोर्ट पहुंच गया। सुप्रीम कोर्ट ने इस केस को गंभीरता से लेते हुए खुद EVM खुलवाई और वोटों की दोबारा गिनती करवाई।

जांच में साफ हो गया कि मोहित मलिक को वास्तव में 51 वोट ज्यादा मिले थे। इसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने मोहित को विजेता घोषित करते हुए प्रशासन को आदेश दिए कि उन्हें जल्द से जल्द शपथ दिलाई जाए।

मोहित की प्रतिक्रिया

मोहित मलिक ने कोर्ट के फैसले को न्याय की जीत बताया। उन्होंने कहा कि उन्हें उम्मीद है स्वतंत्रता दिवस से पहले शपथ ग्रहण हो जाएगा। वह लगातार प्रशासन से संपर्क में हैं हालांकि अभी तक उन्हें आधिकारिक नोटिफिकेशन नहीं मिला है लेकिन कागजी कार्रवाई शुरू हो चुकी है।