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Haryana news: हरियाणा में जल्द बदलेगी ऑनलाइन शिक्षक ट्रांसफर पॉलिसी, मुख्यमंत्री के पास पहुंचा प्रस्ताव

Haryana news: हरियाणा में नौकरी कर रहे शिक्षकों के लिए बड़ी खबर है, आइए जानें पूरी खबर विस्तार से...
 
हरियाणा में जल्द बदलेगी ऑनलाइन शिक्षक ट्रांसफर पॉलिसी
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Top Haryana: हरियाणा में काम कर रहे सरकारी शिक्षकों के लिए एक जरूरी खबर सामने आई है। राज्य की ऑनलाइन ट्रांसफर पॉलिसी में जल्द ही बड़ा बदलाव हो सकता है।

शिक्षा विभाग ने ट्रांसफर से जुड़ी मौजूदा नीति में सुधार के लिए एक नया प्रस्ताव तैयार किया है जिसे अब मुख्यमंत्री के कार्यालय में मंजूरी के लिए भेजा गया है।

जैसे ही मुख्यमंत्री की मुहर लगती है नई ट्रांसफर पॉलिसी लागू हो सकती है। इस पॉलिसी में कुछ नए नियमों को जोड़ा गया है और पुराने नियमों में बदलाव का सुझाव दिया गया है।

कपल केस (पति-पत्नी ट्रांसफर) को लेकर असमंजस

इस बार शिक्षक ट्रांसफर नीति में पति-पत्नी एक ही जगह ट्रांसफर होने के मामले यानी कपल केस को लेकर असमंजस की स्थिति बनी हुई है। अभी तक ऐसे मामलों में शिक्षकों को अतिरिक्त अंक मिलते थे जिससे उनकी ट्रांसफर प्राथमिकता बढ़ जाती थी।

अब इस नियम पर फिर से विचार किया जा रहा है। यह तय नहीं है कि कपल केस में अब भी अतिरिक्त अंक मिलेंगे या नहीं। इस विषय पर अंतिम निर्णय मुख्यमंत्री की मंजूरी के बाद ही होगा।

सर्विस पेनल्टी का असर भी दिखेगा

सूत्रों के अनुसार, नए प्रस्ताव में एक और बड़ा बदलाव किया गया है। यदि किसी शिक्षक को सर्विस के दौरान विभागीय सजा मिली है चाहे वो बड़ी हो या छोटी तो उसके अंकों में कटौती की जाएगी। इससे ट्रांसफर की प्राथमिकता में वह शिक्षक पीछे हो सकता है।

इस बदलाव का उद्देश्य यह है कि ट्रांसफर में उन्हीं शिक्षकों को प्राथमिकता मिले जो अपने कार्य में ईमानदार और अनुशासित रहे हैं।

पारदर्शिता और निष्पक्षता पर जोर

संशोधित ट्रांसफर पॉलिसी को बनाने का मुख्य उद्देश्य है ज्यादा पारदर्शिता और निष्पक्षता लाना। इससे यह सुनिश्चित किया जा सकेगा कि ट्रांसफर उन्हीं शिक्षकों को मिले जिन्हें वास्तव में इसकी जरूरत है। पहले कई बार शिकायतें आती थीं कि ट्रांसफर में पारदर्शिता नहीं है। नई पॉलिसी इन समस्याओं को दूर करने का प्रयास करेगी।

2016 से लागू है ऑनलाइन ट्रांसफर पॉलिसी

बता दें कि हरियाणा में ऑनलाइन ट्रांसफर पॉलिसी को सबसे पहले साल 2016 में लागू किया गया था। इसका उद्देश्य यह था कि ट्रांसफर प्रक्रिया को आसान, तेज और पारदर्शी बनाया जा सके।

तब से लेकर अब तक शिक्षकों को इस नीति का फायदा मिल रहा है। अब इसे समय के अनुसार अपडेट किया जा रहा है ताकि सभी को न्याय मिल सके।