Haryana news: हरियाणा में बिजली दरों में बढ़ोतरी के खिलाफ इनेलो का विरोध प्रदर्शन, पढ़ें पूरी खबर
Top Haryana: हरियाणा में बिजली की बढ़ती दरों से जनता परेशान है। ऐसे में इंडियन नेशनल लोकदल (इनेलो) पार्टी ने इस मुद्दे पर राज्य सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। इनेलो ने आज यानी मंगलवार को पंचकूला में एक बड़ा प्रदर्शन करने का ऐलान किया है।
जाट भवन पंचकूला में जुटेंगे इनेलो कार्यकर्ता
इनेलो के कार्यकर्ता आज सुबह 10 बजे पंचकूला के सेक्टर-6 स्थित जाट भवन में इकट्ठा होंगे। इस विरोध प्रदर्शन की अगुवाई खुद पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अभय सिंह चौटाला करेंगे। उन्होंने साफ कहा है कि बिजली की दरें बढ़ाना जनता के साथ धोखा है। सरकार को तुरंत ये फैसला वापस लेना चाहिए।
जनता की जेब पर सीधा असर
बिजली की कीमतें पहले से ही आम आदमी की पहुंच से बाहर होती जा रही हैं। अब दरों में और बढ़ोतरी ने लोगों की जेब पर सीधा असर डाला है। इनेलो का कहना है कि यह फैसला गरीब और मध्यम वर्ग के लिए बहुत नुकसानदायक है। इसीलिए पार्टी ने सड़कों पर उतरने का फैसला किया है।
कई वरिष्ठ नेता होंगे प्रदर्शन में शामिल
इनेलो के मीडिया कोऑर्डिनेटर राकेश सिहाग ने जानकारी दी कि इस प्रदर्शन में पार्टी के कई वरिष्ठ नेता शामिल होंगे। इनमें प्रदेशाध्यक्ष रामपाल माजरा, वरिष्ठ राष्ट्रीय उपप्रधान आरएस चौधरी, प्रधान महासचिव प्रकाश भारती, विधायक अदित्य देवीलाल, संगठन सचिव उमेद लोहान और महिला प्रदेश प्रभारी सुनैना चौटाला के नाम शामिल हैं। इसके अलावा राज्य कार्यकारिणी के अन्य पदाधिकारी भी मौजूद रहेंगे।
सरकार पर लगाया जनविरोधी नीतियों का आरोप
अभय सिंह चौटाला ने अपने बयान में कहा कि सरकार की यह नीति पूरी तरह जनविरोधी है। उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार लगातार महंगाई बढ़ा रही है और आम जनता पर बोझ डाल रही है। बिजली जैसी जरूरत की चीज को महंगा करना किसी भी हाल में सही नहीं ठहराया जा सकता।
जनता को दी समर्थन की अपील
इनेलो नेताओं ने राज्य के लोगों से अपील की है कि वे इस विरोध में साथ आएं और सरकार के खिलाफ अपनी आवाज बुलंद करें। पार्टी का मानना है कि जब तक जनता एकजुट नहीं होगी तब तक सरकार जनहित के फैसले नहीं लेगी।
आने वाले दिनों में और बड़ा आंदोलन
पार्टी सूत्रों के अनुसार, अगर सरकार ने बिजली दरों में बढ़ोतरी वापस नहीं ली तो इनेलो आने वाले दिनों में पूरे हरियाणा में बड़ा आंदोलन कर सकती है। पंचायत से लेकर विधानसभा तक सरकार को इसका जवाब देना होगा।