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Today Haryana Weather: हरियाणा में नए पश्चिमी विक्षोभ के कारण मानसून फिर से होगा सक्रिय, इस तारीख तक बारिश की संभावना

Today Haryana Weather: हरियाणा में मानसून एक बार फिर से दस्तक देने जा रहा है, आइए जानें मौसम विभाग की ताजा रिपोर्ट...
 
हरियाणा में नए पश्चिमी विक्षोभ के कारण मानसून फिर से होगा सक्रिय
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Top Haryana: हरियाणा में एक बार फिर से मौसम में बदलाव देखने को मिलेगा। मौसम विभाग के अनुसार 18 सितंबर से नया पश्चिमी विक्षोभ सक्रिय होगा।

इसके असर से प्रदेश के कई हिस्सों में हल्की से मध्यम बारिश की संभावना जताई गई है। इस बारिश से मौसम में हल्की ठंडक और उमस से राहत मिल सकती है।

पहले क्यों नहीं हुई बारिश

हिसार कृषि विश्वविद्यालय के मौसम विशेषज्ञ डॉ. चंद्रमोहन ने बताया कि 13 सितंबर को जो पश्चिमी विक्षोभ सक्रिय हुआ था वह ज्यादा असर नहीं दिखा पाया।

इसका कारण पश्चिमी राजस्थान पर बना प्रति चक्रवात (Anti-cyclone) था जिसकी वजह से हरियाणा में बारिश नहीं हो सकी। अब 18 सितंबर से नया पश्चिमी विक्षोभ सक्रिय होगा।

इसके साथ ही 21 सितंबर को बंगाल की खाड़ी पर कम दबाव का क्षेत्र बनने की संभावना है जिससे बारिश की गतिविधियां और बढ़ सकती हैं।

25 सितंबर तक रुक-रुक कर बरसात

मौसम विभाग का अनुमान है कि प्रदेश में 25 सितंबर तक रुक-रुक कर बारिश होती रहेगी। इसके बाद धीरे-धीरे हरियाणा से मानसून की विदाई शुरू हो जाएगी। यानी आने वाले दिनों में बारिश का सिलसिला कम होता जाएगा और धीरे-धीरे साफ मौसम का दौर शुरू होगा।

मानसून की विदाई के संकेत

सितंबर का तीसरा सप्ताह खत्म होने तक मानसून कमजोर पड़ने लगता है। इस बार भी 25 सितंबर के बाद मानसून के हटने के संकेत मिल रहे हैं। यानी किसानों और आम लोगों को आने वाले दिनों में धीरे-धीरे साफ और शुष्क मौसम का सामना करना पड़ेगा।

इस बार ज्यादा हुई बरसात

हरियाणा में इस साल मानसून सीजन बेहद मेहरबान रहा है। आंकड़ों के अनुसार, इस बार 564.8 मिलीमीटर बारिश दर्ज की गई जबकि सामान्य तौर पर इतनी अवधि में सिर्फ 401.1 मिलीमीटर बरसात होती है। यानी इस बार राज्य में 41 प्रतिशत ज्यादा बारिश हो चुकी है। यह अतिरिक्त बारिश खेती और जलस्तर दोनों के लिए फायदेमंद साबित हुई है।

किसानों और लोगों के लिए राहत

इस बार सामान्य से ज्यादा हुई बारिश ने किसानों को राहत दी है। खेतों में खरीफ की फसलों को पर्याप्त नमी मिली, जिससे उत्पादन पर सकारात्मक असर पड़ेगा। वहीं अधिक बारिश से भूमिगत जलस्तर भी रिचार्ज हुआ है। हालांकि कुछ जगहों पर अधिक बरसात के कारण नुकसान भी हुआ लेकिन कुल मिलाकर मानसून किसानों के लिए अच्छा रहा।