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Solar Expressway: इस राज्य में बनेगा देश का पहला सोलर एक्सप्रेसवे, लाखों घरों को मिलेगी बिजली

Solar Expressway: देश में पहला सोलर एक्सप्रेसवे बनने जा रहा है। आइए जानें किस प्रकार से देगा ये बिजली...
 
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Top Haryana: उत्तर प्रदेश के बुंदेलखंड क्षेत्र में एक बड़ी और अनोखी पहल की जा रही है। यहां के बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे को देश के पहले सोलर एक्सप्रेसवे के रूप में विकसित किया जा रहा है। इस एक्सप्रेसवे के दोनों किनारों पर सोलर पैनल लगाए जाएंगे।

जिनसे कुल 550 मेगावॉट सोलर बिजली का उत्पादन किया जाएगा। इस परियोजना से करीब 1 लाख घरों को बिजली मिल सकेगी जिससे राज्य में ग्रीन एनर्जी को बढ़ावा मिलेगा।

बुंदेलखंड के सात जिलों से होकर गुजरता है एक्सप्रेसवे

296 किलोमीटर लंबा यह एक्सप्रेसवे चित्रकूट, बांदा, महोबा, हमीरपुर, जालौन, औरैया और इटावा जिलों से होकर गुजरता है। इस पूरी सड़क के किनारे 15 से 20 मीटर चौड़ी खाली जगह को सोलर पैनल लगाने के लिए इस्तेमाल किया जाएगा।

यह योजना पब्लिक-प्राइवेट पार्टनरशिप (PPP) मॉडल पर आधारित होगी। इसके लिए जमीन चिन्हित कर ली गई है और 8 सोलर कंपनियों ने अपना प्रस्ताव भी दे दिया है।

राज्य को मिलेगा फायदा

इस सोलर परियोजना के कारण यूपी सरकार को हर साल करीब 6 करोड़ रुपये की ऊर्जा खपत में बचत होगी। इस तरह का प्रयोग भविष्य में पूर्वांचल, लखनऊ-आगरा और गोरखपुर एक्सप्रेसवे पर भी किया जा सकता है।

बुंदेलखंड का क्षेत्र सोलर पैनल लगाने के लिए सबसे उपयुक्त माना जा रहा है क्योंकि यहां मौसम अधिकतर साफ और शुष्क रहता है और पर्याप्त जमीन भी उपलब्ध है।

इंडस्ट्रियल कॉरिडोर भी होंगे विकसित

बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे के किनारे दो बड़े इंडस्ट्रियल कॉरिडोर बनाए जाएंगे। पहला कॉरिडोर जालौन और दूसरा बांदा में विकसित किया जाएगा। इसके लिए यूपी सरकार ने 3 हजार 500 करोड़ रुपये का बजट तैयार किया है।

इन कॉरिडोरों में उद्योग लगाए जाएंगे जिससे क्षेत्र के युवाओं को रोजगार के नए अवसर मिल सकेंगे। ये कॉरिडोर बुंदेलखंड डिफेंस कॉरिडोर से अलग होंगे।

सुरक्षा और सुविधा से लैस है एक्सप्रेसवे

बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे पूरी तरह एक्सेस कंट्रोल्ड है। इसमें 18 ओवरब्रिज, 14 बड़े पुल, 6 टोल प्लाजा, 7 रैंप प्लाजा, 4 रेलवे ओवरब्रिज और 266 छोटे पुल बनाए गए हैं। यहां दिन-रात पुलिस पेट्रोलिंग और एंबुलेंस की सुविधा रहती है। यह एक्सप्रेसवे चित्रकूट से शुरू होकर इटावा तक जाता है, जहां यह आगरा-लखनऊ एक्सप्रेसवे से जुड़ता है।

बुंदेलखंड को मिलेगा विकास का रास्ता

इस प्रोजेक्ट से बुंदेलखंड क्षेत्र के ट्रांसपोर्टेशन और औद्योगिक विकास को नई दिशा मिलेगी। एक्सप्रेसवे के आसपास औद्योगिक शहर बसाने की योजना है जिससे रोजगार के अवसर बढ़ेंगे।

यह एक्सप्रेसवे केवल 28 महीने में बनकर तैयार हुआ है जो इसे और भी खास बनाता है। आने वाले समय में यह क्षेत्र ऊर्जा, रोजगार और इन्फ्रास्ट्रक्चर के क्षेत्र में बड़ी छलांग लगाएगा।