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Sirsa News: सिरसा में बारिश से फसलें हुई नष्ट, 11 गांव हुए बर्बाद, किसानों ने सरकार से करी मुआवजे की मांग

Sirsa News: सिरसा में घग्गर नदी के पानी से 11 गांवों की फसलें नष्ट हो गई है, आइए जानें पूरी खबर...
 
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Top Haryana: सिरसा जिले में घग्गर नदी का जलस्तर बढ़ने से कई गांवों की फसलें डूब गई हैं। खासकर गांव पनिहारी, बुर्जकर्मगढ़, फरवाईं खुर्द, नेजाडेला कलां और अहमदपुर जैसे गांवों में तकरीबन 7 हजार एकड़ फसल पानी में डूब गई है। इसमें ज्यादातर छोटे किसानों की फसलें शामिल हैं जिनके पास कम जमीन है। घग्गर नदी के आसपास के इलाकों में अब तक बाढ़ का खतरा बना हुआ है।

रविवार को सरदूलगढ़ में जलस्तर में गिरावट आई लेकिन फिर भी गांव फरवाईं खुर्द में किसानों की फसलें डूब गई हैं। वहीं सिंचाई विभाग द्वारा जारी बुलेटिन के अनुसार, घग्गर नदी में काफी पानी का बहाव है।

इसके साथ-साथ मारकंडा और टांगरी नदियों में भी पानी की मात्रा अधिक है। सिंचाई विभाग के अनुसार, इस समय इन नदियों में 10 हजार से लेकर 50 हजार क्यूसेक पानी तक का बहाव हो रहा है जिससे बाढ़ की स्थिति और बिगड़ सकती है।

घग्गर नदी की बाढ़ का इतिहास

घग्गर नदी पर पिछले कई सालों से बाढ़ का खतरा बना हुआ है। 1976, 1981, 1993, 1995, 2004, 2010 और 2015 जैसे वर्षों में यहां भयंकर बाढ़ आ चुकी है। एक रिपोर्ट के अनुसार, घग्गर नदी में कमजोर जल प्रबंधन और सिंचाई व्यवस्थाओं के कारण हर साल बाढ़ की संभावना बनी रहती है। खासकर हिमाचल, पंजाब, हरियाणा और राजस्थान क्षेत्रों में इसकी बाढ़ का असर ज्यादा देखने को मिलता है।

किसानों की हालत

घग्गर नदी के जलस्तर में वृद्धि के कारण प्रभावित गांवों के किसानों की स्थिति बहुत खराब हो गई है। किसान छिंदा सिंह ने बताया कि उन्होंने इस साल घीया, तोरी, भिंडी और करेले की खेती की थी, लेकिन अब उनकी सारी फसल पानी में डूब चुकी है।

उनका कहना है कि पिछले साल भी उनकी फसल डूब गई थी और उन्हें मुआवजा नहीं मिला था। वह बताते हैं कि वह सब्जी बेचकर ही अपने परिवार का पालन-पोषण करते थे लेकिन अब घग्गर की बाढ़ ने सबकुछ बर्बाद कर दिया है।

किसान प्रीतम दास का भी कहना है कि घग्गर नदी के बढ़ते जलस्तर के कारण गांव के पास बने बांध में दिखाई दी हैं। इससे उनकी 600 एकड़ फसल पानी में डूब गई है। हालांकि उन्होंने यह भी कहा कि फिलहाल गांव को कोई बड़ा खतरा नहीं है और प्रशासन के साथ मिलकर बांध को मजबूत किया जा रहा है।