New Toll Rates: NHAI ने लिया बड़ा फैसला, अब टोल होगा और भी महंगा, जानें पूरी खबर

Top Haryana, New Delhi: टोल प्लाजा की नई टोल दरें 1 अप्रैल 2025 से लागू हो रही हैं, जिसके कारण वाहन चालकों पर आर्थिक दबाव बढ़ने वाला है। नेशनल हाईवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया (NHAI) ने टोल प्लाजा पर टोल शुल्क बढ़ाने का फैसला लिया है। इसके तहत सामान्य कारों और जीपों पर 40 रुपये की बढ़ोतरी की गई है, जबकि वाणिज्यिक वाहनों (कमर्शियल व्हीकल्स) पर 100 रुपये तक की बढ़ोतरी होगी।
नई दरों में प्रमुख रूप से करनाल का घरौंडा, अंबाला का घग्गर नदी और सैनीमाजरा टोल प्लाजा शामिल हैं। दिल्ली से चंडीगढ़ जाने वाले वाहन चालकों को इन टोल प्लाजा पर शुल्क चुकाना होगा। वहीं, दिल्ली से लुधियाना जाने वालों को पांच टोल पर बढ़ी हुई दरें देनी होंगी।
सिर्फ एकल यात्रा (सिंगल जर्नी) में ही नहीं बल्कि मासिक पास (Monthly Pass) के शुल्क में भी बढ़ोतरी की गई है। कमर्शियल वाहनों के लिए टोल शुल्क की दरों में एक्सेल के हिसाब से वृद्धि की गई है, जो अब और ज्यादा महंगा होगा।
यह भी पढ़ें- Haryana News: मासूम शर्मा के बाद इन कलाकारों के गानों पर सरकार ने लगाया बैन, यहां देखें पूरी लिस्ट
अंबाला के घग्गर नदी पर फरवरी 2024 से किसानों ने धरना देना शुरू कर दिया था, जिसके कारण यह टोल बंद हो गया था। यह टोल 1 सितंबर 2024 से बढ़ाने की योजना थी लेकिन यह काम उस समय नहीं हो पाया।
अब यह बढ़ोतरी एक अप्रैल 2025 से लागू होगी। इस टोल से एक दिन में करीब 70 हजार वाहन गुजरते हैं। टोल बंद होने के कारण हर रोज करीब 70 लाख रुपये का नुकसान हो रहा था।
पानीपत का टोल प्लाजा न तो हटाया गया है और न ही उसे किसी अन्य स्थान पर शिफ्ट किया गया है। पानीपत के टोल को लेकर संसद में भी बहस हो चुकी है। करनाल के पूर्व सांसद संजय भाटिया ने इस मुद्दे को उठाया था और कहा था कि करनाल के घरौंडा और दिल्ली की ओर भिगान में अन्य टोल हैं।
इसके चलते लोगों पर ज्यादा आर्थिक बोझ पड़ रहा है। सांसद की आवाज़ का समर्थन केंद्रीय परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने भी किया था।
मंत्रालय ने मांगी रिपोर्ट
मंत्रालय ने इन तीन टोल प्लाजा के बारे में रिपोर्ट भी मांगी थी क्योंकि ये तीनों टोल एक-दूसरे के काफी पास थे। पानीपत-जालंधर सिक्सलेन प्रोजेक्ट के तहत करनाल, शंभू और लाडोवाल में टोल लगाने की अनुमति दी गई थी।
शंभू के टोल को शिफ्ट करके अंबाला के घग्गर नदी के पास किया गया था। पहले इन टोल का जिम्मा सोमा आइसोलेक्स कंपनी के पास था, लेकिन अब किसी अन्य कंपनी को इसका टेंडर दे दिया गया है।
इन तीन टोल प्लाजा से हर साल करीब 600 करोड़ रुपये की आमदनी होती थी। अब इन टोल दरों में बढ़ोतरी से सरकार को और भी ज्यादा आमदनी होने की उम्मीद है। यह बढ़ोतरी वाहन चालकों के लिए एक अतिरिक्त बोझ साबित होगी, खासकर कम दूरी की यात्रा करने वाले यात्रियों के लिए।