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Haryana news: हरियाणा में महिला कर्मचारियों को मिला सम्मान, सरकार ने दिया बड़ा फैसला

Haryana news: हरियाणा में महिला कर्मचारियों के लिए सरकार ने अहम कदम उठाया है, आइए जानें किस प्रकार से मिलेगा इनको लाभ...
 
महिला कर्मचारियों
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Top Haryana: हरियाणा सरकार ने महिला कर्मचारियों के लिए एक महत्वपूर्ण फैसला लिया है। सरकार ने आउटसोर्सिंग पॉलिसी पार्ट-2 और HKRN के तहत काम करने वाली सभी महिला अनुबंधित कर्मचारियों को अब हर महीने दो आकस्मिक अवकाश (Casual Leave) देने का निर्णय लिया है। यह फैसला राज्य मंत्रिमंडल की बैठक में लिया गया जिसकी अध्यक्षता मुख्यमंत्री सैनी ने की थी।

मुख्य सचिव अनुराग रस्तोगी द्वारा जारी की गई अधिसूचना के अनुसार अब महिला कर्मचारियों को हर महीने दो आकस्मिक अवकाश मिलेंगे जो कि उनके चिकित्सा अवकाश के अतिरिक्त होंगे।

इन आकस्मिक अवकाशों की कुल संख्या एक कैलेंडर वर्ष में 22 से अधिक नहीं हो सकती। यह कदम महिला कर्मचारियों के कामकाजी जीवन को और अधिक आरामदायक और सुगम बनाने के उद्देश्य से उठाया गया है।

पहले की नीति और नई सुविधाओं में बदलाव
पहले, आउटसोर्सिंग पॉलिसी पार्ट-2 और HKRN के तहत लगे अनुबंधित कर्मचारियों को हर साल 10 दिन के आकस्मिक अवकाश और 10 दिन के चिकित्सा अवकाश की सुविधा मिलती थी।

अब यह व्यवस्था बदलकर महिला कर्मचारियों को हर महीने दो आकस्मिक अवकाश दिए जाएंगे। इस बदलाव से महिलाओं को ज्यादा लचीलापन मिलेगा और वे अपनी व्यक्तिगत जरूरतों और आकस्मिक स्थिति से बेहतर तरीके से निपट सकेंगी।

महिला कर्मचारियों के लिए एक महत्वपूर्ण कदम
यह कदम महिला कर्मचारियों के लिए एक बड़ी राहत साबित हो सकता है, क्योंकि अक्सर कामकाजी महिलाएं परिवार और कार्य के बीच संतुलन बनाने में संघर्ष करती हैं। आकस्मिक अवकाश मिलने से महिलाएं अपनी व्यक्तिगत जरूरतों को बिना किसी तनाव के पूरा कर सकती हैं साथ ही कार्य स्थल पर भी उनकी उपस्थिति और कार्यक्षमता पर कोई नकारात्मक असर नहीं पड़ेगा।

मुख्यमंत्री सैनी की अध्यक्षता में हुई मंत्रिमंडल की बैठक में इस फैसले को मंजूरी दी गई थी। सरकार का मानना है कि इस फैसले से महिला कर्मचारियों की कार्यप्रेरणा और उत्पादकता में वृद्धि होगी और वे अपनी जिम्मेदारियों को और बेहतर तरीके से निभा पाएंगी।

उम्मीदें और आगामी प्रभाव
इस नई नीति के लागू होने के बाद महिला कर्मचारियों को अपने कामकाजी जीवन में अधिक सुविधाएं मिलेंगी। यह न केवल उनकी कार्य क्षमता को बढ़ाएगा बल्कि उन्हें अपने परिवार और व्यक्तिगत जीवन को भी बेहतर तरीके से मैनेज करने का मौका मिलेगा। सरकार का यह कदम महिला सशक्तिकरण की दिशा में एक और सकारात्मक कदम है जो महिलाओं के कामकाजी अधिकारों को बढ़ावा देता है।