Haryana news: हरियाणा में इन राशन कार्ड धारकों को लगा बड़ा झटका, इन कारणों की वजह से होंगे रद्द

Top Haryana: हरियाणा सरकार ने एक बड़ा फैसला लिया है। सरकार अब उन बीपीएल (गरीबी रेखा से नीचे) राशन कार्डों को रद्द करने जा रही है, जिनका लंबे समय से कोई इस्तेमाल नहीं हुआ है। ऐसे करीब सवा तीन लाख राशन कार्ड राज्य में पाए गए हैं, जिनके जरिए न तो राशन लिया गया है और न ही किसी सरकारी योजना का लाभ उठाया गया है।
राशन कार्ड रद्द करने की वजह क्या है?
सरकार का कहना है कि बीपीएल राशन कार्ड का मकसद सिर्फ उन्हीं परिवारों को लाभ देना है, जो वास्तव में गरीब हैं और जरूरतमंद हैं लेकिन जांच में सामने आया है कि कुछ लोगों ने ऐसे कार्ड बनवा लिए हैं जो गरीब नहीं हैं। कुछ कार्ड ऐसे भी हैं जिनका लंबे समय से कोई इस्तेमाल नहीं किया गया, यानी जिन पर राशन नहीं उठाया गया।
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ऐसे में सरकार ने फैसला लिया है कि इन कार्डों की 1 मई 2025 को समीक्षा की जाएगी। इसके बाद जो कार्ड उपयोग में नहीं आ रहे या फर्जी हैं, उन्हें रद्द कर दिया जाएगा।
मुख्यमंत्री ने दिए सख्त निर्देश
मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने इस प्रक्रिया को तेजी से पूरा करने के निर्देश दिए हैं। साथ ही उन्होंने ये भी कहा कि जिन बुजुर्गों, विधवाओं और विकलांगों की पेंशन रुकी हुई थी, उनमें से 57 हजार 700 लोगों को फिर से सामाजिक सुरक्षा पेंशन दी जाएगी।
हर महीने होती है राशन कार्डों की जांच
राज्य सरकार हर महीने यह देखती है कि कितने लोगों ने राशन कार्ड का इस्तेमाल किया। इस बार 1 मई को विशेष आकलन किया जाएगा, जिसमें यह पता लगाया जाएगा कि कितने कार्ड सक्रिय हैं और कितने नहीं। खाद्य एवं आपूर्ति मंत्री राजेश नागर ने बताया कि कई बीपीएल कार्डधारकों ने पिछले महीनों में कोई लाभ नहीं लिया है, इसलिए ऐसे कार्डों की गहराई से जांच की जा रही है।
विपक्ष ने उठाए सवाल
विपक्षी पार्टियों ने इस कदम पर सवाल उठाए हैं। उनका कहना है कि अगर राज्य में इतनी बड़ी संख्या में गरीब लोग हैं, तो उनकी संख्या में कमी क्यों दिखाई जा रही है? विपक्ष का आरोप है कि सरकार गरीबों को योजनाओं का लाभ नहीं देना चाहती और इसी वजह से बीपीएल कार्डों की संख्या घटाने का दबाव बनाया जा रहा है।
सरकार ने दी सफाई
सरकार ने विपक्ष के आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि राज्य में 1.80 लाख रुपये तक सालाना आय वाले लोगों को भी बीपीएल की श्रेणी में रखा गया है, ताकि उन्हें भी सरकारी मदद मिल सके। सरकार का कहना है कि वह सिर्फ उन्हीं कार्डों को रद्द कर रही है जो या तो फर्जी हैं या अप्रयुक्त हैं। इसका मकसद है कि असली गरीबों को योजनाओं का फायदा मिल सके।
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