Haryana news: हरियाणा के सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चों की हुई मौज, अब सरकार देगी ये अनोखी सुविधा

Top Haryana: हरियाणा के सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चों के लिए एक अच्छी खबर सामने आई है। अब राज्य के स्कूलों में बच्चों के लिए किचन गार्डन यानी पोषण वाटिकाएं बनाई जाएंगी। इन गार्डनों में फल और हरी सब्जियां उगाई जाएंगी, जिससे बच्चों को पोषण से भरपूर आहार मिलेगा और वे प्रकृति के भी करीब आएंगे।
स्कूलों में उगाए जाएंगे फल और सब्जियां
जानकारी के अनुसार, जिन स्कूलों के पास आधा एकड़ या उससे ज्यादा खाली जमीन है, वहां फलों और सब्जियों के पौधे लगाए जाएंगे। इनमें आम, अमरूद, पपीता, चीकू, अनार, अंगूर, ड्रैगन फ्रूट जैसे फल और नीम, तुलसी जैसे पौधे शामिल होंगे। इसके अलावा बच्चों के लिए ताजी हरी सब्जियां भी उगाई जाएंगी।
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शुरुआत में यह योजना पायलट प्रोजेक्ट के रूप में शुरू की जा रही है। इसके लिए हर जिले से एक-एक स्कूल को चुना जाएगा। राज्य के मौलिक शिक्षा निदेशक ने सभी जिला शिक्षा अधिकारियों को अपने-अपने जिले में ऐसे सरकारी स्कूल का चयन करने को कहा है, जहां पर यह योजना सफलतापूर्वक लागू की जा सके।
बच्चों को मिलेगा सीधा लाभ
पोषण वाटिकाएं तैयार करने का मकसद है बच्चों को संतुलित और पौष्टिक आहार देना। जब ये पौधे बड़े होकर पेड़ बनेंगे, तब उनमें उगने वाले फल मिड-डे मील (मध्याह्न भोजन) के साथ बच्चों को परोसे जाएंगे। इससे बच्चों को जरूरी विटामिन और मिनरल्स मिलेंगे, जिससे उनका स्वास्थ्य बेहतर होगा।
साथ ही, बच्चे खुद इन पौधों की देखभाल करना और खेती के शुरुआती गुण सीखना भी शुरू करेंगे। इससे उनमें प्रकृति के प्रति लगाव बढ़ेगा और वे स्वच्छता और पोषण के महत्व को भी समझेंगे।
हटाए जाएंगे स्कूलों के ऊपर से गुजरने वाले बिजली के तार
एक और अहम कदम उठाया जा रहा है। प्रदेश के कई सरकारी स्कूलों की छतों के ऊपर से हाईटेंशन बिजली की लाइनें गुजर रही हैं, जो बच्चों की सुरक्षा के लिए खतरनाक हैं। अब ऐसे सभी तारों को हटाया जाएगा।फतेहाबाद, कैथल, करनाल और महेंद्रगढ़ जिलों के शिक्षा अधिकारियों से ऐसे स्कूलों की सूची मांगी गई है, जिनके ऊपर से 33 किलोवॉट या उससे ज्यादा क्षमता वाले बिजली तार गुजरते हैं। अधिकारियों को कहा गया है कि वे बिजली निगम को इस बारे में अनुरोध पत्र भेजें, ताकि समय रहते तार हटाए जा सकें।
शिक्षा निदेशालय ने इस बात पर नाराजगी जताई है कि कई जिलों ने अभी तक सही रिपोर्ट नहीं भेजी है। अब सभी को 30 अप्रैल तक की आखिरी तारीख दी गई है। अगर इसके बाद भी रिपोर्ट नहीं भेजी गई, तो संबंधित अधिकारी के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।
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