Haryana News: हरियाणा में ESI अस्पताल में घोटाला, 3 मेडिकल सुपरिटेंडेंट और 1 डॉक्टर पर चार्जशीट, खास अस्पताल में भेजते थे मरीजों को

Top Haryana News: सरकार ने इस मामले में तीन पूर्व चिकित्सा अधीक्षक (MS) और एक मेडिकल ऑफिसर (MO) के खिलाफ सख्त कार्रवाई करते हुए चार्जशीट जारी कर दी है। इन अधिकारियों पर आरोप है कि इन्होंने मरीजों को चुनिंदा निजी अस्पतालों में रेफर कर मोटा कमीशन लिया।
विधायक प्रमोद विज ने उठाया था मामला
यह पूरा मामला तब सामने आया जब पानीपत से भाजपा विधायक प्रमोद विज ने हरियाणा विधानसभा में यह मुद्दा उठाया। उन्होंने बताया कि साल 2020 से 2024 के बीच हजारों मरीजों को कुछ खास निजी अस्पतालों में रेफर किया गया।
सिर्फ 2023-24 में ही करीब 6 हजार 500 मरीजों को रेफर किया गया, जिनमें से ज्यादातर को पानीपत के दो विशेष निजी अस्पतालों में ही भेजा गया।
सरकार ने की जांच
विधायक ने मुख्यमंत्री नायब सैनी से इस मामले में विजिलेंस जांच की मांग की थी। जांच के बाद कई गड़बड़ियां सामने आईं। इसके बाद सबसे पहले एक मेडिकल ऑफिसर को सस्पेंड किया गया।
अब तीन पूर्व मेडिकल सुपरिटेंडेंट डॉ. शिव कुमार (सेवानिवृत्त), डॉ. गिरीश मुखीजा (सेवानिवृत्त), और डॉ. पुनीत बंसल (फरीदाबाद ESI अस्पताल) के साथ-साथ एक मेडिकल ऑफिसर डॉ. गिरीश को चार्जशीट किया गया है।
निजी अस्पतालों से सांठगांठ का आरोप
जांच में सामने आया कि ये अधिकारी कई सालों से पानीपत में कार्यरत थे और उन्होंने कुछ निजी अस्पतालों से सांठगांठ कर ली थी। मरीजों को जानबूझकर उन्हीं निजी अस्पतालों में रेफर किया जाता था और इसके बदले में ये अधिकारी मोटा कमीशन लेते थे।
इसके अलावा रेफर किए गए मरीजों के इलाज के बिल भी तेजी से पास कराए जाते थे जिससे निजी अस्पतालों को सीधा आर्थिक लाभ होता था।
अस्पतालों ने भी की थी शिकायत
इस पूरे घोटाले की एक अहम कड़ी यह भी रही कि जब कुछ बड़े निजी अस्पतालों को रेफरल मिलने में कमी आई और उनके पुराने भुगतान अटकने लगे, तो उन्होंने भी विधायक से इसकी शिकायत की। इस शिकायत के आधार पर ही जांच की शुरुआत हुई और फिर यह बड़ा मामला सामने आया।
सरकार की सख्ती से हड़कंप
चार्जशीट जारी होने के बाद चिकित्सा विभाग में हड़कंप मच गया है। सरकार इस पूरे मामले में और भी अधिकारियों की भूमिका की जांच कर रही है। माना जा रहा है कि आने वाले दिनों में और सख्त कार्रवाई हो सकती है।