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Haryana news: हरियाणा में अब इन लोगों को नहीं मिलेगा मुफ्त इलाज, IMA के निजी अस्पतालों ने लिया बड़ा फैसला

Haryana news: हरियाणा के गरीब मरीजों के लिए एक बड़ी और चिंता की खबर सामने आई है, आइए जानें पूरी खबर विस्तार से... 
 
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Top Haryana: प्रदेश के इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (IMA) से जुड़े निजी अस्पतालों में प्रधानमंत्री आयुष्मान भारत योजना के तहत मुफ्त इलाज की सुविधा नहीं मिलेगी। यह फैसला बुधवार से लागू हो गया है, जिससे हजारों गरीब मरीज प्रभावित हो सकते हैं।

बकाया भुगतान को लेकर IMA का विरोध
IMA के प्रतिनिधियों ने स्वास्थ्य विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव सुधीर राजपाल के साथ हुई बैठक में स्पष्ट किया कि जब तक सरकार उन्हें आयुष्मान योजना के तहत पिछले इलाज का बकाया भुगतान नहीं करती, तब तक वे योजना के लाभार्थियों का इलाज नहीं करेंगे। उनका कहना है कि लंबे समय से सरकार की ओर से प्रतिपूर्ति (रीइम्बर्समेंट) की राशि अटकी हुई है, जिससे अस्पतालों को आर्थिक दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है।

IMA ने बैठक में रखी अपनी बात
IMA के अध्यक्ष डॉ. महावीर पी. जैन, पूर्व अध्यक्ष डॉ. अजय महाजन, महासचिव धीरेंद्र के. सोनी और आयुष्मान प्रकोष्ठ के चेयरमैन डॉ. सुरेश अरोड़ा ने वर्चुअल बैठक में सरकार के सामने अपनी मांगों को मजबूती से रखा। उन्होंने कहा कि जब तक भुगतान नहीं होता, तब तक वे इस योजना के तहत मुफ्त सेवाएं नहीं देंगे।

कुछ डॉक्टरों ने नरमी दिखाई
हालांकि IMA के पूर्व राष्ट्रीय उपाध्यक्ष डॉ. डी.एस. जसपाल और स्थायी समिति के सदस्य डॉ. अनिल मलिक ने थोड़ा नरम रुख अपनाते हुए कहा कि हड़ताल समस्या का स्थायी समाधान नहीं है। उन्होंने बातचीत से समाधान निकालने की बात कही, ताकि मरीजों को ज्यादा परेशानी न हो।

मरीजों का होगा नुकसान
इस पूरे मामले में अतिरिक्त मुख्य सचिव सुधीर राजपाल ने IMA से अपील की कि वे अपने हड़ताल के फैसले पर पुनर्विचार करें। उन्होंने कहा कि इससे गरीब मरीजों को भारी नुकसान होगा जो इस योजना के तहत सस्ते और समय पर इलाज का लाभ उठा रहे थे।

इलाज पर पड़ेगा असर
IMA के इस फैसले का असर सीधे उन मरीजों पर पड़ेगा जो आयुष्मान कार्ड के जरिए इलाज करवाते थे। अब उन्हें या तो इलाज के लिए सरकारी अस्पतालों का रुख करना होगा या निजी अस्पतालों में इलाज के लिए पैसे खर्च करने होंगे। यह फैसला तब तक लागू रहेगा जब तक सरकार और IMA के बीच बकाया भुगतान को लेकर कोई समाधान नहीं निकलता।