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Haryana News: अब हरियाणा के शिक्षा मंत्री को भेजने होंगे इस भाषा में पत्र, नहीं मानी बात तो होगी सख्त कार्रवाई

Haryana News: हरियाणा के सिक्षा मंत्री को अब इस भाषा में पत्र लिखना होगा, यदि बात नहीं मानी तो हो सकती है सकत कारवाई...

 
Haryana News: अब हरियाणा के शिक्षा मंत्री को भेजने होंगे इस भाषा में पत्र, नहीं मानी बात तो होगी सख्त कार्रवाई
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Top Haryana News, Digital Desk: हरियाणा में अब शिक्षा मंत्री को भेजे जाने वाले सभी पत्र केवल हिंदी भाषा में ही लिखे जाएंगे. इस संबंध में उच्चतर शिक्षा निदेशालय (Directorate of Higher Education - DHE) ने प्रदेश के सभी राजकीय कॉलेजों को सख्त निर्देश जारी किए हैं. अगर किसी ने इस आदेश का पालन नहीं किया तो उसके खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी.

DHE का आदेश – अब अंग्रेजी में नहीं चलेंगे पत्र
अब तक देखा गया था कि शिक्षा मंत्री को भेजे जाने वाले अधिकतर पत्र अंग्रेज़ी में तैयार किए जाते थे, लेकिन अब इस पर रोक लगा दी गई है. डीएचई की ओर से जारी निर्देश में कहा गया है कि हिंदी को बढ़ावा देने के लिए यह फैसला लिया गया है. यह भी कहा गया है कि जिस राज्य में जो भाषा बोली जाती है, वहां के कार्यालयों में उसी भाषा को प्राथमिकता दी जानी चाहिए.

सरकारी और निजी कॉलेजों के लिए समान नियम
आपको बता दें की यह निर्देश न केवल राजकीय कॉलेजों पर लागू होगा, बल्कि निजी व एडिड कॉलेजों को भी इसमें शामिल किया गया है. डीएचई ने साफ तौर पर कहा है कि शिक्षा मंत्री को भेजे जाने वाला हर पत्र अब हिंदी में ही होना चाहिए.

उल्लंघन पर होगी सख्त कार्रवाई
डीएचई ने चेतावनी देते हुए कहा है कि अगर किसी अधिकारी या कर्मचारी ने इन निर्देशों की अनदेखी की, तो उसके खिलाफ कार्रवाई तय है. राजकीय स्नातकोत्तर कॉलेज, अंबाला छावनी (Ambala Cantt) के प्राचार्य डॉ. देशराज बाजवा ने भी इस आदेश की पुष्टि करते हुए बताया कि विभाग की तरफ से साफ निर्देश मिल चुके हैं.

क्या है आदेश की खास बातें?

  • शिक्षा मंत्री को भेजे जाने वाले सभी पत्र हिंदी में होने चाहिए
  • निर्देशों का पालन न करने पर होगी सकत कार्रवाई
  • हिंदी भाषा को बढ़ावा देने के मकसद से लिया गया फैसला
  • सरकारी, निजी और एडिड कॉलेजों पर समान रूप से लागू

हरियाणा सरकार अब राजकीय कार्यों में स्थानीय भाषा हिंदी को प्राथमिकता देने की ओर तेजी से कदम बढ़ा रही है. शिक्षा मंत्रालय को भेजे जाने वाले पत्रों को हिंदी में अनिवार्य करना इसी दिशा में एक बड़ा कदम माना जा रहा है.