top haryana

Haryana news: हरियाणा के 21 विभागों को नोटिस, ग्रुप-C के खाली पदों की जानकारी नहीं देने पर सख्ती

Haryana news: सरकार ने सख्ती दिखते हुए 21 विभागों नोटिस भेजा है, आइए जानें पूरी खबर... 
 
हरियाणा के 21 विभागों को नोटिस, ग्रुप-C के खाली पदों की जानकारी नहीं देने पर सख्ती
WhatsApp Group Join Now

Top Haryana: हरियाणा सरकार ने राज्य के 21 विभागों को नोटिस भेजा है। ये नोटिस इसलिए जारी किए गए हैं क्योंकि इन विभागों ने ग्रुप-C के खाली पदों की जानकारी अब तक नहीं भेजी है। सरकार ग्रुप-D कर्मचारियों को ग्रुप-C में प्रमोशन देना चाहती है लेकिन इसके लिए सभी विभागों से रिक्त पदों का ब्योरा जरूरी है। तीन बार रिमाइंडर भेजने के बाद भी जब जवाब नहीं आया तो एचआर डिपार्टमेंट ने अब सख्त रुख अपनाया है।

तीन बार भेजा गया था लेटर
एचआर विभाग के कॉमन कैडर-II के आयुक्त व सचिव की ओर से पहला लेटर 12 मार्च 2025 को भेजा गया था। फिर दूसरा लेटर 4 अप्रैल को भेजा गया। अब तीसरा और अंतिम रिमाइंडर 16 जून 2025 को जारी किया गया है। इसमें साफ लिखा गया है कि अगर 26 जून 2025 तक जानकारी नहीं भेजी गई तो यह मामला मुख्य सचिव अनुराग रस्तोगी तक पहुंचा दिया जाएगा। सभी विभागों से कहा गया है कि जानकारी Excel फॉर्मेट में ईमेल के माध्यम से भेजें।

कॉमन कैडर सिस्टम का फायदा नहीं मिल पा रहा
हरियाणा सरकार ने ग्रुप-D कर्मचारियों के लिए राज्य स्तर पर कॉमन कैडर सिस्टम बनाया है। इसका मतलब यह है कि सभी विभागों में काम करने वाले ग्रुप-D कर्मचारी एक ही मेरिट लिस्ट के आधार पर प्रमोशन के लिए योग्य होते हैं। लेकिन जब तक ग्रुप-C के खाली पदों की जानकारी नहीं दी जाएगी तब तक प्रमोशन की प्रक्रिया आगे नहीं बढ़ सकती।

कर्मचारी कर रहे हैं प्रमोशन की मांग
सरकारी विभागों में काम कर रहे ग्रुप-D के कर्मचारी लंबे समय से ग्रुप-C पदों पर पदोन्नति की मांग कर रहे हैं। मुख्य सचिव ने सभी विभागाध्यक्षों से यह जानकारी मांगी है कि उनके विभाग में ग्रुप-C के कुल कितने पद स्वीकृत हैं उनमें से कितने प्रमोशन से भरे जाने हैं और उनमें से कितने रिक्त हैं। साथ ही यह भी पूछा गया है कि उनके विभाग में कॉमन कैडर से पहले से कितने ग्रुप-D कर्मचारी कार्यरत हैं।

26 जून अंतिम तारीख
सरकार ने सभी विभागों को स्पष्ट निर्देश दिए हैं कि वे 26 जून 2025 तक सभी जानकारी अनिवार्य रूप से भेजें। ऐसा न करने पर संबंधित विभागों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जा सकती है। यह कदम सरकार की ओर से कर्मचारियों को समय पर पदोन्नति देने और प्रशासनिक कार्यों में पारदर्शिता लाने की दिशा में एक अहम प्रयास है।