Haryana news: हरियाणा के इस जिले में बढ़ेंगे जमीन के रेट, आम लोगों पर होगा सीधा असर

Top Haryana: हरियाणा के गुरुग्राम जिले से बड़ी खबर सामने आई है। 'मिलेनियम सिटी' कहे जाने वाले इस शहर में जमीनों के कलेक्टर रेट यानी सरकारी दरों में बढ़ोतरी की तैयारी की जा रही है।
जिला प्रशासन ने वित्त वर्ष 2025-26 के लिए भूमि की नई प्रस्तावित दरें जारी कर दी हैं। इन दरों में कृषि, रिहायशी और व्यावसायिक जमीनों की कीमतों में अच्छी-खासी बढ़ोतरी प्रस्तावित है।
145% तक बढ़ोतरी का प्रस्ताव
सबसे ज्यादा बढ़ोतरी बजघेड़ा गांव की कृषि भूमि में प्रस्तावित की गई है, जहां जमीन के रेट 145 प्रतिशत तक बढ़ सकते हैं।सरहौल गांव की कृषि भूमि के दामों में 108 प्रतिशत बढ़ोतरी का प्रस्ताव है। इसके अलावा पुराने गुरुग्राम के रिहायशी इलाकों में भी जमीन के रेट 77 प्रतिशत तक बढ़ाए जाने की बात सामने आई है।
वेबसाइट पर डाले गए रेट, आमजन से मांगी राय
प्रशासन ने ये सभी प्रस्तावित रेट gurugram.gov.in वेबसाइट पर अपलोड कर दिए हैं ताकि आम लोग इन्हें देखकर अपनी राय, सुझाव या आपत्तियां दर्ज कर सकें। इस प्रक्रिया को अधिक पारदर्शी और जनभागीदारी वाला बनाने का दावा किया जा रहा है।
सुझाव और आपत्तियों के लिए सीमित समय
लोग 31 जुलाई 2025 दोपहर 1 बजे तक अपनी राय भेज सकते हैं। कुछ लोग कह रहे हैं कि यह समय बहुत कम है। हालांकि जिलाधिकारी अजय कुमार का कहना है कि सभी को अपनी राय देने का पूरा मौका दिया जा रहा है और हर सुझाव पर विचार किया जाएगा।
कैसे दर्ज करें आपत्ति या सुझाव
ऑफलाइन: तहसील या उप-तहसील कार्यालयों में सुझाव जमा किए जा सकते हैं। इसके अलावा, गुरुग्राम लघु सचिवालय के कक्ष संख्या 212 में भी आवेदन स्वीकार किए जाएंगे।
ईमेल: जो लोग ऑफिस नहीं जा सकते, वे अपनी आपत्तियां drogrg@hry.nic.in पर ईमेल कर सकते हैं।
कलेक्टर रेट का क्या है मतलब
कलेक्टर रेट, जिसे सर्किल रेट भी कहा जाता है वह न्यूनतम मूल्य है जिस पर जमीन या संपत्ति की रजिस्ट्री होती है। इसी के आधार पर स्टांप ड्यूटी और रजिस्ट्रेशन फीस तय की जाती है। अगर कलेक्टर रेट बढ़ता है, तो संपत्ति खरीदना महंगा हो जाता है क्योंकि रजिस्ट्री पर ज्यादा खर्च आता है।
गुरुग्राम में रियल एस्टेट तेजी से बढ़ा
गुरुग्राम में पिछले कुछ सालों में तेजी से रियल एस्टेट और इंफ्रास्ट्रक्चर का विकास हुआ है। यहां कई मल्टीनेशनल कंपनियां, आईटी पार्क, हाउसिंग प्रोजेक्ट आदि बन चुके हैं। द्वारका एक्सप्रेसवे जैसे बड़े प्रोजेक्ट भी इस क्षेत्र को और महंगा बना रहे हैं।