Haryana news: दयालु योजना में दावा खारिज होने पर मानव अधिकार आयोग सख्त, जानें पूरी रिपोर्ट

Top Haryana: हरियाणा से एक बड़ी खबर सामने आई है। हरियाणा मानव अधिकार आयोग (Haryana Human Rights Commission) ने दीन दयाल उपाध्याय अंत्योदय परिवार सुरक्षा योजना (दयालु) के तहत एक पात्र व्यक्ति का दावा गलत तरीके से खारिज किए जाने पर कड़ा रुख अपनाया है। आयोग ने इस मामले में संबंधित अधिकारियों से पूर्ण रिपोर्ट मांगी है।
दावे को टाइपिंग गलती के कारण किया खारिज
शिकायतकर्ता ने आयोग को बताया कि उसके पिता के मृत्यु प्रमाण पत्र में दर्ज आयु और परिवार पहचान पत्र में दर्ज आयु में अंतर था। इसी वजह से उसका दावा खारिज कर दिया गया।
लेकिन यह अंतर केवल टाइपिंग की गलती थी जिसे बाद में सुधार कर दिया गया। सुधारित मृत्यु प्रमाण पत्र विभाग को जमा भी करा दिया गया था। फिर भी उसका दावा दोबारा नहीं खोला गया और न ही उस पर विचार किया गया।
आयोग ने माना यह गंभीर लापरवाही
आयोग के अध्यक्ष न्यायमूर्ति ललित बत्रा ने इस मामले को गंभीर मानते हुए कहा कि ऐसी योजनाएं गरीब और जरूरतमंद लोगों को मदद देने के लिए बनाई जाती हैं।
अगर कोई व्यक्ति सही दस्तावेज़ प्रस्तुत कर रहा है तो उसका दावा नकारना योजना की भावना के खिलाफ है।
चार सप्ताह में मांगी गई रिपोर्ट
आयोग के प्रवक्ता डॉ. पुनीत अरोड़ा ने बताया कि इस मामले में हरियाणा परिवार सुरक्षा न्यास के मुख्य कार्यकारी अधिकारी जिला उपायुक्त, जींद, और पंचकूला स्थित योजना भवन के प्रशासनिक अधिकारी से रिपोर्ट मांगी गई है।
अधिकारियों को कहा गया है कि वे चार सप्ताह के भीतर जवाब दें और ये बताएं कि सही दस्तावेज़ दिए जाने के बाद भी दावा क्यों नहीं खोला गया?, योजना में दोबारा विचार करने की क्या प्रक्रिया है? और भविष्य में ऐसी गलती से कैसे बचा जाएगा?
अगली सुनवाई 21 अगस्त को
इस मामले की अगली सुनवाई की तारीख 21 अगस्त 2025 तय की गई है। तब तक अधिकारियों को अपना जवाब आयोग के सामने पेश करना होगा।
शिकायतकर्ता को मिलेगा न्याय का अवसर
आयोग ने यह भी निर्देश दिए हैं कि शिकायतकर्ता के मामले की दोबारा गंभीरता से जांच की जाए, उसे उचित प्रक्रिया में भाग लेने का पूरा मौका दिया जाए और समय पर सहायता उपलब्ध कराई जाए।