Haryana news: HPSC असिस्टेंट प्रोफेसर हिंदी परीक्षा की आंसर की की होगी जांच, विशेषज्ञों को सौंपा गया मामला

Top Haryana news: हरियाणा लोक सेवा आयोग (HPSC) द्वारा असिस्टेंट प्रोफेसर (हिंदी) की परीक्षा 10 अगस्त को आयोजित की गई थी। इस परीक्षा में शामिल हुए कई उम्मीदवारों ने आंसर की को लेकर सवाल उठाए हैं।
उनका आरोप है कि आयोग द्वारा जारी की गई उत्तर कुंजी में कई गलतियाँ हैं। इन शिकायतों को गंभीरता से लेते हुए आयोग ने आंसर की की जांच करवाने का फैसला लिया है। अब विशेषज्ञों की एक टीम इस मामले की जांच करेगी और एक हफ्ते में अपनी रिपोर्ट आयोग को सौंपेगी।
आंसर की को लेकर उठे सवाल
परीक्षार्थियों का कहना है कि पहले आयोग ने 12 अगस्त को प्रारंभिक उत्तर कुंजी (प्रोविजनल आंसर की) जारी की थी। इसके बाद छात्रों से आपत्तियां मांगी गईं और फिर 23 अगस्त को अंतिम उत्तर कुंजी (फाइनल आंसर की) जारी कर दी गई।
लेकिन छात्रों का दावा है कि फाइनल आंसर की में 17 सवालों के जवाब बदले गए हैं जबकि जिन सवालों में सच में गड़बड़ी थी उन्हें वैसा ही छोड़ दिया गया। इसको लेकर छात्रों ने आयोग के चेयरमैन आलोक वर्मा को सबूतों के साथ शिकायत सौंपी थी।
गठित होगी विशेषज्ञों की कमेटी
छात्रों की मांग पर आयोग ने इस मामले की जांच के लिए विशेषज्ञों की टीम बनाने का निर्णय लिया है। आयोग के चेयरमैन का कहना है कि सभी शिकायतों और दिए गए साक्ष्यों की प्रति संबंधित विशेषज्ञों को भेज दी गई है। यह टीम एक हफ्ते में अपनी रिपोर्ट देगी जिससे यह साफ हो जाएगा कि उत्तर कुंजी में गलती हुई है या नहीं।
छात्रों ने की न्याय की मांग
परीक्षार्थियों का कहना है कि अगर आंसर की में गड़बड़ी हुई है तो उसे ठीक किया जाए और फिर से सही उत्तर कुंजी के आधार पर स्क्रीनिंग टेस्ट का परिणाम जारी किया जाए। उनका यह भी कहना है कि परीक्षा में गलत उत्तर होने से योग्य उम्मीदवारों का नुकसान हो सकता है।
नया सिलेबस और उसका असर
आयोग ने बताया कि परीक्षा का आयोजन अब बदले हुए पाठ्यक्रम (सिलेबस) के अनुसार किया जा रहा है। स्क्रीनिंग टेस्ट में राज्य से जुड़े सवाल भी जोड़े गए हैं ताकि उम्मीदवारों की सामान्य जानकारी भी परखी जा सके। वहीं मुख्य परीक्षा (सब्जेक्ट नॉलेज टेस्ट) में सिर्फ उस विषय से संबंधित प्रश्न पूछे जाएंगे जिससे परीक्षा जुड़ी है।
आयोग का आश्वासन
चेयरमैन आलोक वर्मा ने कहा कि छात्रों की सभी शिकायतों को ध्यान से सुना गया है और निष्पक्ष जांच करवाई जाएगी। आयोग सभी अभ्यर्थियों के हितों को ध्यान में रखते हुए आगे की कार्रवाई करेगा। अगर किसी को आपत्ति है तो उसे अपना पक्ष रखने का पूरा अधिकार है लेकिन परीक्षा नई सिलेबस के अनुसार ही आयोजित की जाएगी।