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Haryana news: हरियाणा में बिजली उपभोक्ताओं को लगा झटका, सिक्योरिटी राशि पर ब्याज दरों में कटौती

Haryana news: हरियाणा के बिजली उपभोक्ताओं को बड़ा झटका लगा है, आइए जानें विस्तार से पूरी खबर में...
 
हरियाणा में बिजली उपभोक्ताओं को लगा झटका
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Top Haryana news: हरियाणा में बिजली उपभोक्ताओं के लिए एक और निराशाजनक खबर सामने आई है। कुछ महीने पहले ही बिजली दरों में बढ़ोतरी की गई थी और अब उपभोक्ताओं को मिलने वाले ब्याज में कटौती कर दी गई है।

यह कटौती उन उपभोक्ताओं के लिए है, जिन्होंने बिजली कनेक्शन के समय बिजली निगमों में सिक्योरिटी राशि जमा करवाई थी। अब इस राशि पर मिलने वाला ब्याज पहले की तुलना में कम कर दिया गया है।

ब्याज दर में 0.25% की कटौती

वित्त वर्ष 2023-24 में उपभोक्ताओं को उनकी जमा सिक्योरिटी राशि पर 6.75% सालाना ब्याज दिया जा रहा था। अब वित्त वर्ष 2025-26 के लिए इस ब्याज दर को घटाकर 6.50% कर दिया गया है।

यानी उपभोक्ताओं को पहले की तुलना में 0.25% कम ब्याज मिलेगा। हालांकि यह कमी छोटी लग सकती है लेकिन बड़ी संख्या में उपभोक्ताओं के लिए यह एक बड़ा असर डाल सकती है खासकर उन लोगों के लिए जिनकी सिक्योरिटी राशि ज्यादा है।

बिजली निगम ने जारी किए आदेश

उत्तर हरियाणा बिजली वितरण निगम (UHBVN) के मुख्य अभियंता ने ब्याज दरों में बदलाव को लेकर सभी ज़िम्मेदार अधिकारियों एक्सईएन, एसडीओ और जेई को निर्देश जारी कर दिए हैं। इन निर्देशों में साफ तौर पर कहा गया है कि उपभोक्ता की सिक्योरिटी राशि पर मिलने वाले ब्याज को उसके पहले बिलिंग चक्र में समायोजित किया जाएगा।

समय पर समायोजन नहीं हुआ तो देना होगा जुर्माना

विभाग ने यह भी स्पष्ट किया है कि अगर उपभोक्ता के बिल में समय पर ब्याज का समायोजन नहीं किया गया, तो बिजली निगम को 18% वार्षिक दर से उस राशि पर ब्याज देना होगा। यानी अगर उपभोक्ता को उसका ब्याज समय पर नहीं मिला तो विभाग को उसे भारी दर से अतिरिक्त भुगतान करना पड़ेगा।

क्या होती है सिक्योरिटी राशि?

सिक्योरिटी राशि वह रकम होती है जो उपभोक्ता को बिजली कनेक्शन लेते समय जमा करनी होती है। यह राशि आमतौर पर उपभोक्ता के पिछले वर्ष के औसत मासिक बिजली बिल के दोगुने के बराबर होती है। यह राशि इसलिए ली जाती है ताकि यदि उपभोक्ता समय पर बिल का भुगतान न करे तो बिजली निगम को नुकसान न हो।

उपभोक्ताओं में नाराज़गी

ब्याज दरों में कटौती से उपभोक्ताओं में नाराज़गी है। उनका कहना है कि पहले ही बिजली दरें बढ़ाई जा चुकी हैं और अब ब्याज में कटौती करना आम जनता के साथ अन्याय है। लोगों का मानना है कि सरकार को उपभोक्ताओं को राहत देने की बजाय लगातार आर्थिक बोझ डाल रही है।