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Haryana News: HAU हिसार ने विकसित की गेहूं की नई किस्म WH 1309, किसानों को होगा फायदा

Haryana News: हरियाणा के हिसार स्थित चौधरी चरण सिंह हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय (HAU) ने गेहूं उत्पादन के क्षेत्र में एक बड़ी उपलब्धि हासिल की है। 
 
गेहूं की नई किस्म
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Top Haryana News: विश्वविद्यालय के गेहूं एवं जौ अनुसंधान संस्थान के वैज्ञानिकों ने गेहूं की पछेती किस्म WH 1309 विकसित की है। यह किस्म खासतौर पर गर्मी सहनशील है।

आमतौर पर मार्च महीने में तापमान बढ़ने से गेहूं की पैदावार पर असर पड़ता है लेकिन इस किस्म पर गर्मी का दुष्प्रभाव नहीं पड़ेगा।

देर से बिजाई के लिए उपयोगी किस्म

अनुसंधान निदेशक डॉ. राजबीर गर्ग ने बताया कि हरियाणा में लगभग 20% क्षेत्र में गेहूं की बिजाई धान की कटाई में देरी, जलभराव या अन्य कारणों से देर से हो पाती है।

इन परिस्थितियों को देखते हुए WH 1309 किस्म तैयार की गई है, जो देर से बोने पर भी अच्छी पैदावार देती है। परीक्षण में इस किस्म का औसत उत्पादन 55.4 क्विंटल प्रति हेक्टेयर और अधिकतम उत्पादन 64.5 क्विंटल प्रति हेक्टेयर पाया गया है।

बिजाई का सही समय

इस किस्म की बिजाई का उपयुक्त समय 1 दिसंबर से 20 दिसंबर तक है। हालांकि किसान चाहें तो जनवरी के पहले सप्ताह तक भी बिजाई कर सकते हैं। देर से की गई बिजाई पर भी यह किस्म 40-50 क्विंटल प्रति हेक्टेयर तक उत्पादन देती है।

बीज और खाद की जरूरत

WH 1309 किस्म की खेती के लिए प्रति हेक्टेयर 125 किलो बीज की आवश्यकता होती है। अधिक पैदावार पाने के लिए खेत में 150 किलो नाइट्रोजन, 60 किलो फास्फोरस, 30 किलो पोटाश और 25 किलो जिंक सल्फेट प्रति हेक्टेयर देने की सिफारिश की गई है।

WH 1309 की खासियतें

इस किस्म में 83 दिन में बालियां निकल आती हैं और 123 दिन में फसल पककर तैयार हो जाती है। पौधों की ऊंचाई लगभग 98 सेंटीमीटर रहती है जिससे इनके गिरने का खतरा बहुत कम है।

दानों में 13.2% प्रोटीन होता है। हेक्टोलीटर वजन 81.9 किलोग्राम प्रति हेक्टोलिटर और अवसादन मान 54 मिलीलीटर है। यह किस्म चपाती बनाने के लिए उपयुक्त और पोषण मूल्य से भरपूर है।

यह पीला रेतुआ, भूरा रेतुआ और अन्य बीमारियों के प्रति रोग-रोधी है। इसे जैविक खेती में भी उगाया जा सकता है और लवणीय क्षेत्रों में भी इसकी बिजाई की जा सकती है।

किसानों के लिए फायदेमंद

कृषि वैज्ञानिकों का मानना है कि यह किस्म उन किसानों के लिए विशेष रूप से लाभकारी होगी जिन्हें देर से बिजाई करनी पड़ती है। WH 1309 कम समय में पकने वाली, गर्मी सहनशील और रोग प्रतिरोधक किस्म है जिससे किसानों को बेहतर उपज और गुणवत्ता वाला गेहूं मिलेगा।