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Haryana news: हरियाणा बोर्ड बनाएगा अपना खुद का डाटा सेंटर, हर साल 20 करोड़ की बचत

Haryana news: हरियाणा में अब शिक्षा क्षेत्र में एक बड़ी पहल होने जा रही है। आइए जानें विस्तार से...
 
डाटा सेंटर
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Top Haryana news: राज्य सरकार ने घोषणा की है कि हरियाणा बोर्ड ऑफ स्कूल एजुकेशन (HBSE) अपना खुद का डाटा सेंटर बनाएगा जिसकी मदद से राज्य स्तरीय परीक्षाएं और डेटा प्रबंधन अधिक सुरक्षित और किफायती तरीके से किया जा सकेगा।

यह कदम नेशनल टेस्टिंग एजेंसी (NTA) की तर्ज पर उठाया जा रहा है, जिससे राज्य में परीक्षा और डेटा प्रबंधन की प्रक्रिया और भी सुविधाजनक हो जाएगी।

स्टेट टेस्टिंग एजेंसी (STA) का गठन

हरियाणा राज्य में भी अब एक स्टेट टेस्टिंग एजेंसी (STA) बनाई जाएगी। इस एजेंसी की जिम्मेदारी होगी कि वह राज्य स्तरीय परीक्षाओं का आयोजन स्वयं अपने स्तर पर कर सके।

इसके लिए हरियाणा बोर्ड ऑफ स्कूल एजुकेशन को एक एजेंसी के रूप में विकसित किया जाएगा। यह कदम खासतौर पर राज्य में शिक्षा क्षेत्र को और अधिक सशक्त बनाने के लिए उठाया गया है।

खुद का डाटा सेंटर

हरियाणा बोर्ड के अध्यक्ष पवन कुमार ने इस बारे में जानकारी दी और बताया कि बोर्ड जल्द ही अपना डाटा सेंटर बनाएगा। यह डाटा सेंटर बोर्ड के खर्चों में बड़ी बचत करेगा। हर साल लगभग 20.1 करोड़ रुपये की बचत होगी।

पहले जहां 70 स्क्रीन मार्किंग के खर्चे होते थे वहां अब केवल 3 रुपये का खर्च आएगा। इसका मतलब यह है कि बोर्ड को डाटा सेंटर के निर्माण से न केवल अतिरिक्त खर्चों से बचत होगी बल्कि दक्षता भी बढ़ेगी।

कमाई में बढ़ोतरी

पवन कुमार ने बताया कि पहले पांच लाख विद्यार्थियों की 30 लाख कॉपियों की जांच करने में 21 करोड़ रुपये खर्च होते थे। लेकिन अब केवल 90 लाख रुपये में इस प्रक्रिया को पूरा किया जा सकेगा। इससे बोर्ड को 21 करोड़ 10 लाख रुपये की बचत होगी।

इसके साथ ही अगर बोर्ड अपना खुद का डाटा सेंटर बनाएगा, तो उसे किसी अन्य एजेंसी से डेटा स्टोर करने के लिए स्पेस किराए पर लेने की जरूरत नहीं होगी। इंटरनेट की सुविधा भी हरियाणा बोर्ड का खुद का होगा जिससे खर्चों में और भी कमी आएगी।

भविष्य में अधिक सेवाएं और कमाई

पवन कुमार ने यह भी बताया कि भविष्य में इस डाटा सेंटर का उपयोग शिक्षा विभाग, सभी शिक्षकों, विश्वविद्यालयों, मेडिकल कॉलेजों, अस्पतालों आदि के डाटा को स्टोर करने के लिए भी किया जाएगा।

इस तरह से डाटा सेंटर से होने वाले खर्च से ज्यादा बोर्ड की कमाई होगी। यह कदम न केवल सरकारी कामकाजी प्रक्रियाओं को पारदर्शी बनाएगा बल्कि यह राज्य को एक नई डिजिटल दिशा में भी ले जाएगा।