top haryana

Haryana news: हरियाणा में 500 रुपये में मिल रहा गैस सिलेंडर, फिर भी लोग नहीं कर रहे आवेदन, जानिए क्या है वजह

Haryana news: हरियाणा में नए गैस सिलेंडर के लिए कोई नए आवेदन नहीं आ रहें है,आइए जानें क्यों...
 
हरियाणा में 500 रुपये में मिल रहा गैस सिलेंडर, फिर भी लोग नहीं कर रहे आवेदन, जानिए क्या है वजह
WhatsApp Group Join Now

Top Haryana: हरियाणा सरकार ने बीपीएल (गरीबी रेखा से नीचे) परिवारों के लिए बड़ी राहत देते हुए केवल 500 रुपये में गैस सिलेंडर देने की योजना शुरू की थी। लेकिन हैरानी की बात यह है कि योजना शुरू हुए एक साल हो चुका है।

फिर भी 46 लाख बीपीएल परिवारों में से सिर्फ 17 लाख ने ही आवेदन किया है। यानी ज्यादातर लोगों ने इस सस्ती सुविधा का फायदा उठाने में दिलचस्पी नहीं दिखाई। सरकार को भी इस बात पर आश्चर्य हो रहा है।

आवेदन नहीं कर रहे लोग
सरकार को संदेह है कि कई लोग जानबूझकर आवेदन नहीं कर रहे क्योंकि उन्हें डर है कि अगर वे आवेदन करेंगे तो उनकी फर्जी बीपीएल पहचान उजागर हो सकती है।

बहुत से लोग सरकारी योजनाओं का फायदा लेने के लिए खुद को बीपीएल बताकर गलत जानकारी देते हैं। अब जब वेरिफिकेशन शुरू हुई है तो वे फंसने से बचना चाहते हैं।

वेरिफिकेशन के डर से दूर हो रहे लोग
खाद्य विभाग के मुताबिक गैस सिलेंडर की सब्सिडी के लिए जो आवेदन आ रहे हैं उनकी अंदरूनी जांच (इंटरनल वेरिफिकेशन) कराई जा रही है। अभी तक लगभग 2 लाख आवेदन जांच के घेरे में हैं। विभाग यह सुनिश्चित कर रहा है कि आवेदन करने वाले वास्तव में बीपीएल परिवार हैं या नहीं।

फर्जी कार्डों पर सख्ती
दरअसल, कुछ समय पहले राज्य में फर्जी बीपीएल कार्ड बनाने के मामले सामने आए थे। इसके बाद सरकार ने कड़ा रुख अपनाते हुए जांच शुरू कर दी।

पिछले चार महीनों में 6.36 लाख फर्जी राशन कार्ड रद्द किए जा चुके हैं। यह साफ करता है कि बड़ी संख्या में लोग गलत जानकारी देकर सरकारी योजनाओं का लाभ उठा रहे थे।

आय सीमा बढ़ने से बढ़े फर्जी लाभार्थी
पहले हरियाणा में बीपीएल कार्ड उन्हीं परिवारों को मिलता था जिनकी सालाना आय 1.20 लाख रुपये से कम होती थी। लेकिन बाद में सरकार ने यह सीमा बढ़ाकर 1.80 लाख रुपये कर दी। इसके बाद बड़ी संख्या में लोगों ने झूठे दस्तावेज देकर बीपीएल कार्ड बनवाया, जिससे असली जरूरतमंदों को नुकसान हुआ।

असली लाभार्थियों तक पहुंचे लाभ
राज्य के खाद्य एवं आपूर्ति मंत्री राजेश नागर का कहना है कि कम रजिस्ट्रेशन की वजह यह भी हो सकती है कि अब केवल असली बीपीएल परिवार ही आवेदन कर रहे हैं। सरकार का उद्देश्य है कि योजना का लाभ असल जरूरतमंदों तक ही पहुंचे न कि फर्जी तरीके से लाभ लेने वालों तक।