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Haryana News: हरियाणा में 230 स्कूल हेडमास्टरों की बढ़ी मुश्किलें, सरकार ने जारी किया आदेश

Haryana News: हरियाणा में हेडमास्टरों पर बहुत बड़ी गाज गिरी है, आइए जानें पूरी खबर...
 
हरियाणा में 230 स्कूल हेडमास्टरों की बढ़ी मुश्किलें, सरकार ने जारी किया आदेश
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Top Haryana: हरियाणा से एक बड़ी खबर सामने आई है। मौलिक शिक्षा निदेशालय ने प्रदेश के 230 एलीमेंट्री स्कूल हेडमास्टर (ESHM), जो अनुसूचित जाति (SC) और पिछड़ा वर्ग (BC) से आते हैं। उनके प्रमोशन को वापस लेने का फैसला किया है। इन सभी हेडमास्टरों को उनके पुराने पदों पर वापस भेजने के आदेश जारी कर दिए गए हैं।

क्या है मामला?

दरअसल, ये पूरा मामला प्रमोशन के दौरान स्नातक (BA) की डिग्री में मिले अंकों पर मिलने वाली पांच प्रतिशत की छूट से जुड़ा है। विभाग ने SC/BC वर्ग के कुछ शिक्षकों को प्रमोशन देते वक्त यह छूट दे दी थी। अब विभाग का कहना है कि यह छूट सिर्फ किसी शैक्षणिक संस्थान में एडमिशन के समय दी जा सकती है, प्रमोशन के समय नहीं।

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कब दी गई थी छूट?

साल 2012 में सेवा नियम (Service Rules) बनाए गए थे, जिनके तहत ट्रेंड ग्रेजुएट टीचर (TGT) और भाषा अध्यापकों को एलीमेंट्री स्कूल हेडमास्टर (ESHM) के पद पर प्रमोट किया जाना था। लेकिन प्रमोशन प्रक्रिया में कुछ SC/BC उम्मीदवारों को स्नातक में कम अंक होने के बावजूद पांच प्रतिशत की छूट देकर हेडमास्टर बना दिया गया था।

बाद में मुख्य सचिव (Chief Secretary) हरियाणा के एक पत्र में साफ किया गया कि यह छूट केवल प्रवेश (admission) के समय दी जा सकती है न कि प्रमोशन में। इसी आधार पर विभाग ने इन सभी प्रमोशन को गलत मानते हुए रद्द करने का फैसला लिया।

कौन-कौन हुए प्रभावित?

इन 230 हेडमास्टरों में अंबाला जिले के 17 भी शामिल हैं। सभी को उनके पुराने पदों पर भेजा जाएगा। इस फैसले के बाद शिक्षा विभाग में हलचल मच गई है और शिक्षकों के संगठन भी इस पर नाराजगी जता रहे हैं। कई संगठन अधिकारियों से मिलने की तैयारी में हैं और आगामी कदमों पर विचार कर रहे हैं।

क्या होगा अब?

इन शिक्षकों को रिवर्ट करने के बाद स्कूलों में ESHM के पद खाली हो जाएंगे। विभाग अब सीनियरिटी के आधार पर इन पदों को दोबारा भरने की तैयारी कर रहा है। हालांकि यह फैसला काफी विवादित हो गया है और कई शिक्षक इसे अन्याय मान रहे हैं।

अधिकारी क्या कह रहे हैं?

इस मुद्दे पर जिला मौलिक शिक्षा अधिकारी सुधीर कालड़ा से संपर्क करने की कोशिश की गई लेकिन उन्होंने फोन रिसीव नहीं किया। शिक्षकों का कहना है कि यह उनके साथ अन्याय है क्योंकि उन्हें पहले प्रमोट किया गया और अब वापस नीचे भेजा जा रहा है।

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