top haryana

Haryana news: फतेहाबाद अनाज मंडी में बाजरा और मूंगफली की आवक शुरू, जानें नए रेट

Haryana news: हरियाणा के फतेहाबाद जिले की भट्टू मंडी में अब बाजरा और मूंगफली की फसल आने लगी है...
 
फतेहाबाद अनाज मंडी में बाजरा और मूंगफली की आवक शुरू, जानें नए रेट
WhatsApp Group Join Now

Top Haryana news: सोमवार को यहां किसानों ने अपनी फसलें मंडी में लेकर आना शुरू किया। इस दिन कुल 150 क्विंटल मूंगफली और 50 क्विंटल बाजरा मंडी में आया। इसके लिए सरकार ने भट्टू मंडी में खरीद केंद्र बनवाया है और सरकारी खरीद 1 अक्टूबर से शुरू होगी।

MSP से नीचे बिक रही फसलें

किसानों ने अपनी फसल मंडी में लाकर बेचना शुरू कर दिया है, लेकिन उन्हें काफी कम कीमत मिल रही है। इस बार मूंगफली की कीमत 5 हजार 500 रुपये प्रति क्विंटल रही जबकि बाजरा 2 हजार 200 रुपये प्रति क्विंटल बिक रहा है।

यह दोनों फसलें सरकारी द्वारा तय न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) से काफी नीचे बिक रही हैं। हरियाणा सरकार ने बाजरे का MSP 2 हजार 775 रुपये प्रति क्विंटल और मूंगफली का MSP 7 हजार 263 रुपये प्रति क्विंटल घोषित किया है। यानी किसानों को बाजरे पर 575 रुपये प्रति क्विंटल और मूंगफली पर 1 हजार 750 रुपये प्रति क्विंटल का नुकसान हो रहा है।

MSP पर खरीद के लिए पोर्टल पंजीकरण जरूरी

सरकार ने इस बार बाजरे की खरीद के लिए फतेहाबाद, पीली मंदोरी और भट्टू मंडी को खरीद केंद्र के रूप में चुना है। सरकार ने बाजरे का MSP 150 रुपये प्रति क्विंटल बढ़ाकर 2 हजार 775 रुपये कर दिया है जबकि पिछले साल इसका MSP 2 हजार 625 रुपये प्रति क्विंटल था।

हालांकि किसानों को अपनी फसल को MSP पर बेचने के लिए "मेरी फसल मेरा ब्योरा" पोर्टल पर पंजीकरण कराना जरूरी होगा। सिर्फ वही किसान अपनी फसल को MSP पर बेच सकते हैं जिन्होंने पोर्टल पर पंजीकरण किया हो।

मंडी में सुविधाओं का ध्यान रखने के निर्देश

जिला उपायुक्त ने अधिकारियों को यह निर्देश दिए हैं कि मंडियों में नमी मापने वाले मीटर की व्यवस्था होनी चाहिए ताकि फसल की गुणवत्ता का सही मूल्यांकन किया जा सके। साथ ही किसानों की सुविधा के लिए मंडी में बिजली, पानी और शौचालय जैसी बुनियादी सुविधाएं भी सुनिश्चित की जाएं।

खरीद प्रक्रिया के दौरान सुरक्षा व्यवस्था को भी पुख्ता किया जाए ताकि किसी प्रकार की असुविधा न हो। इसके अलावा सभी मंडियों के मुख्य द्वारों पर खरीद के मानदंडों वाले होर्डिंग भी लगाए जाएंगे ताकि किसानों को किसी भी प्रकार की जानकारी में परेशानी न हो।