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Haryana news: हरियाणा में पौधारोपण घोटाले का आरोप, अशोक बुवानीवाला ने उठाए सवाल

Haryana news: हरियाणा में पौधारोपण घोटाले को लेकर बड़ी खबर सामने आ रही है, आइए जानें...
 
हरियाणा में पौधारोपण घोटाले का आरोप, अशोक बुवानीवाला ने उठाए सवाल
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Top Haryana: हरियाणा प्रदेश कांग्रेस उद्योग सैल के चेयरमैन अशोक बुवानीवाला ने सरकार और प्रशासन पर हरियाली बढ़ाने के नाम पर करोड़ों रुपये के घोटाले करने का आरोप लगाया है। उन्होंने कहा कि हर साल पौधारोपण पर भारी रकम खर्च की जाती है फिर भी प्रदेश में हरियाली नहीं बढ़ रही बल्कि कम हो रही है।

पैसे खर्च हुए, लेकिन हरियाली नहीं बढ़ी
बुवानीवाला ने बताया कि 2020 से 2025 के बीच राज्य में 970 करोड़ रुपये खर्च करके 4.19 करोड़ पौधे लगाए गए लेकिन हरियाली केवल 10.72 वर्ग किलोमीटर ही बढ़ पाई। यह दिखाता है कि पौधारोपण अभियान में भारी गड़बड़ी हुई है।

राजस्थान से तुलना कर बताई खामियां
उन्होंने कहा कि पड़ोसी राज्य राजस्थान में हरियाणा से छह गुना कम पैसा खर्च किया गया लेकिन वहां हरियाणा से 39 गुना ज्यादा हरियाली बढ़ी। यह साफ इशारा करता है कि हरियाणा में पैसा सही जगह खर्च नहीं हुआ।

पलवल में 2020 का घोटाला भी याद दिलाया
बुवानीवाला ने बताया कि 2020 में पलवल जिले में पौधारोपण के लिए 1.5 करोड़ रुपये का बजट दिया गया था। दावा किया गया कि 10 लाख पौधे लगाए गए लेकिन इनमें से 60% पौधे या तो सूख गए या लगाए ही नहीं गए। बाद में मीडिया रिपोर्ट में सामने आया कि फर्जी बिलों के जरिये इस पैसे का दुरुपयोग किया गया।

घोटाले में वन विभाग और प्रशासन की लापरवाही
उन्होंने कहा कि पौधारोपण जैसे नेक काम को भ्रष्टाचार का जरिया बना दिया गया है। न पौधों की सही गिनती हुई न देखरेख का इंतजाम और न ही किसी की जवाबदेही तय की गई। सरकारी रिकॉर्ड में तो सब सफल दिखाया गया लेकिन असल में पौधे या तो लगे ही नहीं या जल्दी सूख गए।

घोटाले के कई स्तर बताए
बुवानीवाला ने कहा कि इस घोटाले में नर्सरियों से पौधों की खरीद, उनकी संख्या, लाने-ले जाने का खर्च, मजदूरी और देखभाल के नाम पर बड़े पैमाने पर गड़बड़ियां हुई हैं। सारा पैसा खर्च हो गया लेकिन धरती हरी होने की बजाय और सूखती जा रही है।

उच्च स्तरीय जांच की मांग
बुवानीवाला ने इस पूरे मामले की निष्पक्ष और उच्च स्तरीय जांच की मांग की है। उन्होंने कहा कि जो लोग इस हरियाली के नाम पर घोटाले कर रहे हैं उन पर सख्त कार्रवाई होनी चाहिए। क्योंकि यह सिर्फ आर्थिक घोटाला नहीं बल्कि पर्यावरण और जनहित से सीधा खिलवाड़ है।