Haryana News: हरियाणा के 650 निजी अस्पतालों में आयुष्मान योजना का इलाज बंद करने की चेतावनी

Top Haryana: इंडियन मेडिकल एसोसिएशन ने चेतावनी दी है कि अगर सरकार ने जल्द ही 500 करोड़ रुपये की बकाया राशि का भुगतान नहीं किया तो राज्य के 650 निजी अस्पताल 7 अगस्त से आयुष्मान भारत योजना के तहत मरीजों का इलाज बंद कर देंगे। यह जानकारी मंगलवार को एक आधिकारिक नोटिस जारी करके दी गई।
बकाया भुगतान न मिलने से परेशान हैं अस्पताल
IMA अधिकारियों के अनुसार सरकार द्वारा मार्च से अब तक अस्पतालों को उनके बिलों की केवल 10-15% राशि ही वापस की गई है। इसकी वजह से निजी अस्पतालों को अपनी जेब से खर्च करना पड़ रहा है या फिर मरीजों को इलाज के बिना लौटाना पड़ रहा है।
इससे अस्पतालों पर आर्थिक बोझ बहुत बढ़ गया है। IMA (हरियाणा) के अध्यक्ष डॉ. महावीर जैन ने कहा अब स्थिति बहुत खराब हो गई है। समय पर भुगतान न होने के कारण अस्पतालों के लिए इस योजना को चलाना मुश्किल हो गया है।
राज्य में 1.8 करोड़ लाभार्थी
हरियाणा सरकार के अनुसार राज्य में आयुष्मान भारत योजना के अंतर्गत लगभग 1 हजार 300 अस्पताल सूचीबद्ध हैं जिनमें से 650 निजी अस्पताल हैं। केवल गुरुग्राम में ही 60 निजी अस्पताल इस योजना का हिस्सा हैं।
इस योजना के तहत लगभग 1.8 करोड़ लोग पंजीकृत हैं। यह योजना 2018 में केंद्र सरकार द्वारा शुरू की गई थी जिसके तहत सालाना 5 लाख रुपये तक का मुफ्त इलाज दिया जाता है।
सरकारी पोर्टल पर होती है प्रतिपूर्ति प्रक्रिया
इस योजना के अंतर्गत मरीजों को निजी और सरकारी अस्पतालों में मुफ्त इलाज की सुविधा दी जाती है जिसके बाद अस्पताल सरकारी पोर्टल के जरिए इलाज का खर्चा सरकार से वापस मांगते हैं। राज्य की एक एजेंसी इन बिलों की समीक्षा करके भुगतान जारी करती है। लेकिन अस्पतालों का कहना है कि भुगतान बहुत देरी से हो रहा है और उसमें कटौती भी की जा रही है।
सरकार से किया गया वादा अधूरा
IMA-हरियाणा के सचिव डॉ. धीरेंद्र के. सोनी ने बताया कि इस साल की शुरुआत में मुख्यमंत्री से बातचीत के बाद सरकार ने वादा किया था कि बकाया राशि का भुगतान किया जाएगा लेकिन अब तक कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया। कुछ अस्पतालों को आंशिक भुगतान मिला वो भी कटौती के साथ।
आपातकालीन सेवाएं चालू रहेंगी लेकिन नई भर्ती बंद
गुड़गांव के एक निजी अस्पताल के डॉक्टर ने कहा कि 7 अगस्त से वे आयुष्मान योजना के नए मरीजों की भर्ती बंद कर देंगे। हालांकि आपातकालीन सेवाएं जारी रहेंगी लेकिन सर्जरी जैसी नियोजित प्रक्रियाएं रोक दी जाएंगी। इससे सबसे ज्यादा नुकसान उन गरीब और जरूरतमंद लोगों को होगा जो इस योजना के भरोसे इलाज करवा रहे हैं।