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Haryana News: हरियाणा सरकार का बड़ा कदम, किसानों के लिए होगी विशेष जनगणना, मिलेगा बड़ा फायदा

Haryana News: हरियाणा सरकार ने सराहनीय कदम उठाते हुए किसानों के लिए विशेष जनगणना करवाने जा रही है, आइए जानें पूरी खबर विस्तार से...
 
हरियाणा सरकार का बड़ा कदम, किसानों के लिए होगी विशेष जनगणना
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Top Haryana News: हरियाणा सरकार ने कृषि क्षेत्र में सुधार के लिए एक अहम फैसला लिया है। सरकार अब किसानों के लिए एक खास जनगणना कराने जा रही है, जिससे खेती से जुड़ी जानकारी को डिजिटल और पारदर्शी बनाया जा सके।

इस जनगणना का मकसद है कि किसानों की सही स्थिति का पता लगाया जा सके ताकि उन्हें सरकारी योजनाओं का सीधा लाभ मिल सके। इसके लिए कृषि डाटा प्रबंधन प्रणाली को बेहतर बनाने की दिशा में काम शुरू हो चुका है।

जनगणना की शुरुआत और समय-सीमा

जनगणना के इस काम की शुरुआत पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर अक्टूबर-नवंबर 2025 में की जाएगी। सबसे पहले इसे पंचकूला जिले में लागू किया जाएगा इसके बाद हिसार और फरीदाबाद जिलों में इसका विस्तार किया जाएगा। अप्रैल से सितंबर 2026 के बीच मकानों की गिनती यानी ‘हाउस लिस्टिंग’ की प्रक्रिया पूरी की जाएगी।

उसके बाद 2027 में अंतिम रूप से जनगणना करवाई जाएगी। इस पूरी प्रक्रिया की जिम्मेदारी राजस्व विभाग की वित्त आयुक्त डॉ. सुमित्रा मिश्रा को सौंपी गई है। उन्होंने सभी जिलों के उपायुक्तों के साथ एक समीक्षा बैठक भी की है जिसमें जनगणना से जुड़े अहम बिंदुओं पर चर्चा हुई।

किसानों को होगा सीधा लाभ

इस पहल से किसानों को सीधा लाभ मिलेगा। सरकार ने तय किया है कि आने वाले कृषि सीजन से हरियाणा में एग्रीटेक आधारित फसल सर्वे और किसान रजिस्ट्री लागू की जाएगी। इसका मतलब है कि अब खेत में बोई गई फसल की जानकारी और किसान की पहचान डिजिटल तरीके से दर्ज की जाएगी।

इससे सरकार के पास किसानों की सही जानकारी होगी और फसल खराब होने पर नुकसान का सही आकलन हो सकेगा। इसी के आधार पर मुआवजे की राशि भी तय की जाएगी और किसानों को समय पर आर्थिक सहायता दी जा सकेगी।

पारदर्शिता और सटीकता पर जोर

हरियाणा सरकार की इस पहल से न सिर्फ किसानों को लाभ मिलेगा बल्कि राज्य की जनगणना व्यवस्था भी ज्यादा सटीक और पारदर्शी बन जाएगी।

भूमि रिकॉर्ड और किसानों की जानकारी को डिजिटल करने से योजनाओं के बेहतर करने में मदद मिलेगी। साथ ही फर्जीवाड़े और अनियमितताओं पर भी रोक लगाई जा सकेगी। इस तरह यह कदम राज्य के विकास में एक मील का पत्थर साबित हो सकता है।