Haryana news: हरियाणा सरकार हुई सख्त, इन किसानों पर होगी कार्रवाई, नहीं बेच सकेंगे मंडी में फसल

Top Haryana: हरियाणा सरकार ने फसल अवशेष जलाने (पराली जलाने) पर सख्त कदम उठाते हुए किसानों के खिलाफ कड़ा रुख अपनाया है।
राज्य सरकार के निर्देश पर अब गेहूं की फसल के अवशेष (पराली) जलाने वालों के खिलाफ भी सख्त कार्रवाई की जाएगी।
‘रेड एंट्री’ होगी फार्म रिकॉर्ड में
इस बारे में जानकारी देते हुए सिरसा के उपायुक्त स्वप्निल रविंद्र पाटिल ने बताया कि जिन किसानों को गेहूं की पराली जलाते हुए पाया गया है, उनके फार्म रिकॉर्ड में 'रेड एंट्री' की जाएगी।
यह एक तरह की चेतावनी होती है, जिससे किसान को सरकारी योजनाओं और पोर्टल से मिलने वाले लाभों से वंचित किया जा सकता है।
दो सीजन तक नहीं बेच सकेंगे फसल
रेड एंट्री होने के बाद ऐसे किसान अगले दो कृषि सीजन तक ई-खरीद पोर्टल के माध्यम से मंडी में अपनी फसल नहीं बेच सकेंगे। यानी उन्हें सरकारी खरीद का लाभ नहीं मिलेगा।
यह नियम पहले सिर्फ धान की पराली जलाने पर लागू था लेकिन अब गेहूं के अवशेष जलाने पर भी यही सख्ती बरती जाएगी।
सुप्रीम कोर्ट और आयोग के निर्देश के अनुसार कदम
यह फैसला सुप्रीम कोर्ट और वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग (CAQM) के निर्देशों के तहत लिया गया है। इन दोनों संस्थाओं ने राज्यों को पराली जलाने पर रोक लगाने के लिए सख्त उपाय अपनाने के निर्देश दिए थे। पर्यावरण और हवा की गुणवत्ता को बनाए रखने के लिए यह जरूरी माना गया है।
कार्रवाई तभी जब मिल जाएगी मंजूरी
उपायुक्त ने यह भी बताया कि रेड एंट्री की प्रक्रिया सक्षम प्राधिकारी की स्वीकृति के बाद ही की जाएगी। इसका मतलब है कि बिना जांच और पक्के सबूत के किसी भी किसान के खिलाफ कार्रवाई नहीं की जाएगी।
अगर कोई दोषी पाया जाता है, तो उस पर सख्ती से नियम लागू होंगे।
सरकार की पर्यावरण के प्रति गंभीरता
हरियाणा सरकार का यह कदम पर्यावरण संरक्षण की दिशा में अहम माना जा रहा है। फसल जलाने से हवा में धुआं और प्रदूषण फैलता है, जिससे लोगों की सेहत पर बुरा असर पड़ता है। खासकर सर्दी के मौसम में पराली का धुआं गंभीर समस्या बन जाता है।
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