Haryana Electricity Bill: हरियाणा में बढ़ सकते हैं बिजली बिलों के दाम, जानें ताजा अपडेट
Haryana Electricity Bill: हरियाणा में बिजली उपभोक्ताओं को करारा झटका लग सकता है। प्रदेश में बिजली दरों में बढ़ोतरी की संभावनाएं बढ़ गई हैं।

Top Haryana: हरियाणा में बिजली उपभोक्ताओं को सरकार की तरफ से झटका लग सकता हैं। बताया जा रहा है कि उत्तर और दक्षिण हरियाणा बिजली वितरण निगम का घाटा लगातार बढ़ रहा हैं। यह घाटा बढ़कर 4520 करोड़ रुपए तक पहुंच गया है। इसी के चलते अब सरकार की तरफ से बिजली के बिलों को बढ़ाया जा सकता है। सरकार ने इसको लेकर के तैयारियां भी शुरू कर दी है।
इस बढ़ते घाटे के चलते हरियाणा बिजली विनियामक आयोग ने नए वित्तीय वर्ष में बिजली की दरें बढ़ाने की अनुमति सरकार से मांगी है। यदि सरकार इस प्रस्ताव को मंजूरी दे देती है तो उपभोक्ताओं की जेब पर अतिरिक्त बोझ पड़ना तय है। इससे राज्य के लाखों उपभोक्ताओं पर सीधा सा असर होगा। मिली जानकारी के अनुसार सरकार भी बिजली निगमों की आर्थिक स्थिति को देखते हुए टैरिफ में बढ़ोतरी की अनुमति दे सकती है।
इससे आम आदमी के मासिक बजट पर सीधा असर पड़ेगा। हरियाणा में बिजली की नई दरें हर साल 1 अप्रैल से लागू होती हैं। लेकिन पिछले दो सालों से बिजली की दरों में किसी भी तरह का कोई बदलाव नहीं किया गया था। आखिरी बार वर्ष 2022-2023 में 150 यूनिट तक की बिजली खपत पर प्रति यूनिट के हिसाब से 25 पैसे बढ़ाए गए थे।
इसके साथ ही बिजली उपभोक्ताओं को झटका देने वाली एक और खबर यह है कि सरकार पहले ही एफएसए को 2026 तक बढ़ा चुकी है। इसका मतलब यह है कि अब उपभोक्ताओं को प्रति यूनिट बिजली के हिसाब से 47 पैसे ज्यादा एफएसए भी देना होगा। यानि की यदि आपकी महीने की खपत 200 यूनिट से अधिक है तो आपको बिजली के बिल पर 94.47 रुपए अतिरिक्त भुगतान भी करना होगा।
यह उन उपभोक्ताओं के लिए चिंता का कारण बन सकती है जिनका बिजली बिल पहले से ही अधिक आ रहा है। साधारण बिलों पर इसका असर उतना अधिक नहीं होगा। ज्यादा खपत वालों के लिए परेशानी होने वाली हैं। सरकार की तरफ से इसकी मंजूरी मिलने के बाद इसको लागू किया जा सकता हैं। हरियाणा बिजली निगमों का घाटा तेजी से बढ़ता जा रहा है। आंकड़ों की मानें तो वर्ष 2023-2024 के दौरान यह घाटा 4520 करोड़ रुपए पहुंच गया है।
ऐसे में अब बिजली वितरण निगमों का कहना है कि अगर टैरिफ को नहीं बढ़ाया जाता है तो यह घाटा और अधिक बढ़ सकता है। इसलिए टैरिफ को बढ़ाने के लिए सरकार से आग्रह किया हैं। आपको बता दें कि इस बढ़ते घाटे के कई कारण बताए जा रहे हैं जिनमें बिजली चोरी, लाइन लॉस और बकाया बिलों के रूके हुए भुगतान की बढ़ती संख्या को माना जा रहा हैं।