Gratuity Rules: ग्रेच्युटी के नियमों में बदलाव, इन कर्मचारियों के लिए जरूरी सूचना

Top Haryana, New Delhi: हाल ही में हाई कोर्ट ने सरकारी कर्मचारियों के ग्रेच्युटी (सेवा निवृत्ति लाभ) को लेकर एक अहम फैसला सुनाया है। इस फैसले में कोर्ट ने साफ कहा है कि कर्मचारियों को ग्रेच्युटी का हक उनकी नौकरी की कुल सेवा अवधि पर मिलेगा, न कि उनकी उम्र पर। यानी अगर कोई कर्मचारी 60 साल की उम्र के बाद भी काम करता है, तो भी उसे ग्रेच्युटी मिल सकती है, अगर उसने कम से कम 10 साल की सेवा पूरी की है।
क्या कहा कोर्ट ने?
यह फैसला जस्टिस जेजे मुनीर की बेंच ने सुनाया। कोर्ट ने यह स्पष्ट किया कि 60 साल की उम्र कोई ऐसा नियम नहीं है जिससे तय किया जाए कि कर्मचारी को ग्रेच्युटी मिलेगी या नहीं। असल में अगर कोई कर्मचारी लगातार 10 साल या उससे ज्यादा समय तक सरकारी सेवा में रहा है, तो उसे ग्रेच्युटी का अधिकार होगा, चाहे वह 60 की उम्र में रिटायर हो या उससे बाद में। इस फैसले से उन कर्मचारियों को बड़ी राहत मिली है जो 60 साल के बाद भी काम कर रहे हैं और ग्रेच्युटी को लेकर परेशान थे।
यह भी पढ़ें- हरियाणा में इन कर्मचारियों की कटी सैलरी, काम नहीं तो पैसा नहीं, देखें सरकार का नया ऑर्डर
मामला क्या था?
यह फैसला एक याचिका पर आया। याचिकाकर्ता ने कहा था कि उसे 62 साल तक सेवा करने की अनुमति दी गई थी, लेकिन उसके बाद उसे ग्रेच्युटी नहीं दी गई। उसने कोर्ट से मांग की कि उसे भी ग्रेच्युटी मिलनी चाहिए, क्योंकि उसने 10 साल से ज्यादा समय तक सेवा की है। कोर्ट ने याचिकाकर्ता की बात मानते हुए कहा कि अगर किसी कर्मचारी को 62 साल तक सेवा करने का मौका दिया गया है, तो उसे ग्रेच्युटी से वंचित नहीं किया जा सकता।
कर्मचारियों के लिए क्या मतलब है इस फैसले का?
इस फैसले का सीधा असर उन सरकारी कर्मचारियों पर पड़ेगा जो 60 साल की उम्र के बाद भी सेवा में रहते हैं। पहले कुछ जगहों पर यह समझा जाता था कि 60 साल के बाद की सेवा को ग्रेच्युटी के लिए नहीं गिना जाएगा, अब कोर्ट ने साफ कर दिया है कि सेवा की कुल अवधि ही मायने रखती है, न कि उम्र।
ग्रेच्युटी क्या है?
ग्रेच्युटी एक तरह का सेवा लाभ है, जो कर्मचारी को रिटायरमेंट के समय दिया जाता है। अगर कोई कर्मचारी कम से कम 5 साल तक नौकरी करता है, तो उसे ग्रेच्युटी मिलती है। सरकारी सेवा में अक्सर 10 साल की न्यूनतम अवधि की शर्त होती है।
कर्मचारियों के लिए राहत
हाई कोर्ट का यह फैसला उन हजारों कर्मचारियों के लिए राहत लेकर आया है जो 60 साल के बाद भी सेवा दे रहे हैं। अब उन्हें सिर्फ इस बात की चिंता नहीं करनी पड़ेगी कि उम्र ज्यादा हो गई है, बल्कि यह देखा जाएगा कि उन्होंने कितनी सेवा दी है। इस तरह अब ग्रेच्युटी का अधिकार सेवा की अवधि से तय होगा, न कि उम्र से।
यह भी पढ़ें- Railaway news: हरियाणा और यूपी के बीच नई हाई स्पीड रेलवे लाइन का निर्माण, सफर होगा आसान और तेज