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Breaking news: लोकसभा में पास हुआ नया इनकम टैक्स बिल, जानें क्या होंगे बड़े बदलाव

Breaking news:नए बिल में सबसे बड़ा बदलाव इसकी भाषा और संरचना को लेकर है। अब इनकम टैक्स कानून की भाषा को सरल बनाया जाएगा जिससे आम लोगों को इसे समझने में आसानी होगी...
 
लोकसभा में पास हुआ नया इनकम टैक्स बिल, जानें क्या होंगे बड़े बदलाव
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Top Haryana, New Delhi: लोकसभा के मानसून सत्र में केंद्र सरकार ने नया इनकम टैक्स बिल पास कर दिया है। इस बिल को भारी शोर-शराबे के बीच पेश किया गया, जिसे केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने लोकसभा में रखा। यह बिल 1961 से लागू पुराने टैक्स कानून की जगह लेगा।

इससे पहले सरकार ने ‘इनकम टैक्स बिल 2025’ को वापस ले लिया था ताकि किसी तरह का भ्रम ना फैले। नया बिल पहले के मुकाबले ज्यादा साफ, आसान और टेक्नोलॉजी-फ्रेंडली बनाया गया है।

टैक्स नियम समझना होगा आसान

नए बिल में सबसे बड़ा बदलाव इसकी भाषा और संरचना को लेकर है। अब इनकम टैक्स कानून की भाषा को सरल बनाया जाएगा जिससे आम लोगों को इसे समझने में आसानी होगी। इस बिल को 536 सेक्शन और 16 शेड्यूल में बांटा गया है।

इसका मतलब है कि अब टैक्स से जुड़े नियम एक क्रमबद्ध और साफ तरीके से लिखे जाएंगे, ताकि लोगों को कानून पढ़ने और समझने में दिक्कत ना हो।

पुराने कॉन्सेप्ट होंगे खत्म, नया 'टैक्स ईयर' आएगा

इस नए कानून में ‘प्रीवियस ईयर’ और ‘असेसमेंट ईयर’ जैसे पुराने कॉन्सेप्ट को हटाकर सिर्फ 'टैक्स ईयर' का कांसेप्ट लाया जा रहा है। इससे टैक्स प्रक्रिया और भी आसान हो जाएगी। इसके अलावा अब डीम्ड रेंट टैक्स से राहत दी जाएगी, यानी अगर किसी का मकान खाली है तो उस पर टैक्स नहीं लगेगा।

CBDT को मिले ज्यादा अधिकार

बिल के तहत सेंट्रल बोर्ड ऑफ डायरेक्ट टैक्सेस (CBDT) को और ज्यादा अधिकार दिए गए हैं ताकि टैक्स सिस्टम को और भी ज्यादा डिजिटल बनाया जा सके। इससे टैक्सपेयर को डिजिटल तरीके से सेवाएं मिलने में आसानी होगी और काम जल्दी होगा।

रिफंड और टीडीएस को लेकर राहत

नए इनकम टैक्स बिल में टैक्सपेयर्स को रिफंड को लेकर भी राहत मिलेगी। अगर किसी ने देर से ITR फाइल किया है तब भी उसे रिफंड क्लेम करने की अनुमति दी जाएगी। साथ ही जीरो टीडीएस सर्टिफिकेट जारी करने की सुविधा भी दी जाएगी।

डिविडेंड कटौती और जुर्माने में राहत

कमेटी की सिफारिश पर सेक्शन 80M को फिर से लागू करने की बात की गई है जिससे कंपनियों को डिविडेंड में राहत मिल सके। इसके अलावा टैक्स देने वालों के लिए अगर किसी से गलती हो जाए तो उस पर भारी जुर्माना लगाने की बजाय छोटी पेनल्टी का प्रावधान किया गया है।