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Breaking News: इंस्टाग्राम-फेसबुक के जाल में फंसकर अपनों को छोड़ रहीं बेटियां, अपहरण और गुमशुदगी के मामले हुई बढ़ोतरी

Breaking News: इंस्टाग्राम-फेसबुक के जाल में समाज की बेटियां बुरी तरह से फंस रही है, आइए जानें कैसे...
 
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Top Haryana: कैथल जिले में नाबालिग लड़कियों और विवाहित महिलाओं के लापता होने का सिलसिला लगातार बढ़ता जा रहा है। पुलिस रिकॉर्ड बताता है कि हालात बेहद गंभीर हैं।

इस साल अब तक 92 अपहरण और 273 मिसिंग रिपोर्ट दर्ज हुई हैं। यानी कुल 365 मामले सामने आए। इनमें से पुलिस ने 262 युवतियों और महिलाओं को बरामद कर लिया है। फिर भी 75 मामलों का अभी तक कोई सुराग नहीं मिला।

किन्हें बनाया जा रहा निशाना

पुलिस के मुताबिक 16 से 22 वर्ष की उम्र की किशोरियां और युवतियां सबसे ज्यादा इन मामलों में फंस रही हैं। कई बार तो विवाहित महिलाएं भी अपने छोटे बच्चों को छोड़कर किसी युवक के साथ चली जाती हैं। ज्यादातर मामलों में परिजन आरोप लगाते हैं कि आरोपी युवक शादी का झांसा देकर उनकी बेटियों को भगा ले जाते हैं।

हाल के चार ताजा मामले

चीका थाना क्षेत्र में  2 सितम्बर को गर्ल्स कॉलेज से एक युवक शादी का झांसा देकर युवती को ले गया। कलायत क्षेत्र में  6 सितम्बर को शाह अस्पताल के पास से 19 वर्षीय युवती लापता हो गई।

पूंडरी क्षेत्र में 11 सितम्बर को 25 वर्षीय महिला अचानक घर से गायब हो गई। गुहला थाना क्षेत्र में  29 अगस्त को 17 वर्षीय किशोरी को बहला-फुसलाकर ले जाया गया।

सोशल मीडिया बन रहा हथियार

जांच में सामने आया है कि फेसबुक, इंस्टाग्राम और व्हाट्सएप इन मामलों में अहम भूमिका निभा रहे हैं। आरोपी युवक सोशल मीडिया पर दोस्ती कर लड़कियों से लगातार चैटिंग और कॉलिंग करते हैं।

वे शादी या बेहतर जिंदगी का सपना दिखाकर उन्हें घर से भागने के लिए तैयार कर लेते हैं। कुछ लड़कियां खुद भी इन रिश्तों में इतनी उलझ जाती हैं कि परिवार छोड़ना ही सही मान लेती हैं।

कई राज्यों तक जाती है तलाश

लड़कियों को ढूंढना पुलिस के लिए आसान नहीं होता। अक्सर पुलिस टीमों को राजस्थान, पंजाब, दिल्ली और उत्तर प्रदेश तक जाना पड़ता है। अधिवक्ता अजय कुमार गुप्ता का कहना है कि कई बार लड़कियां कोर्ट में जाकर अपने बयान बदल देती हैं, जिससे केस और पेचीदा हो जाते हैं और आरोपियों पर कार्रवाई करना मुश्किल हो जाता है।

परिवार की भूमिका अहम

महिला एवं बाल विकास विभाग की अधिकारी सुनीता शर्मा का मानना है कि इन घटनाओं के पीछे अभिभावकों की लापरवाही भी जिम्मेदार है। माता-पिता बच्चों को पर्याप्त समय नहीं देते जिससे वे बाहर के लोगों पर भरोसा करने लगते हैं।

उन्होंने कहा कि घर में दोस्ताना माहौल बनाना जरूरी है। बच्चों से केवल पढ़ाई और अंक की बात न करें, बल्कि उनके दोस्तों, शौक और सपनों के बारे में भी बातचीत करें।

पुलिस की अपील

कैथल एस.पी. आस्था मोदी ने बताया कि नाबालिग के लापता होने पर तुरंत किडनैपिंग का केस दर्ज कर जांच शुरू की जाती है। उन्होंने कहा कि जिले में बरामदगी दर अच्छी है।

लेकिन समाज की जागरूकता भी जरूरी है। अभिभावकों से अपील है कि वे बच्चों से खुलकर बात करें और उन्हें सोशल मीडिया के सही उपयोग की समझ दें।