Breaking News: पशुपालकों को मिलेगा 5 लाख रुपये तक का इनाम, जानें कैसे करें आवेदन

Top Haryana: भारत की अर्थव्यवस्था में पशुपालन और डेयरी उद्योग का बहुत बड़ा योगदान है। यह किसानों की आय को बढ़ाने के साथ-साथ देश में दूध की मांग को भी पूरा करता है।
इसी अहमियत को ध्यान में रखते हुए केंद्रीय पशुपालन और डेयरी मंत्रालय ने एक नया पुरस्कार राष्ट्रीय गोपाल रत्न पुरस्कार, घोषित किया है। इस पुरस्कार के माध्यम से पशुपालकों, डेयरी संगठनों और तकनीशियनों को प्रोत्साहित किया जाएगा। इसके तहत योग्य उम्मीदवारों को 5 लाख रुपये तक की राशि इनाम के रूप में दी जाएगी।
पुरस्कार की श्रेणियां
राष्ट्रीय गोपाल रत्न पुरस्कार तीन प्रमुख श्रेणियों में दिया जाएगा।
सर्वश्रेष्ठ डेयरी किसान
यह पुरस्कार उन किसानों को मिलेगा जो स्वदेशी मवेशियों और मुर्रा भैंसों का पालन करते हैं और नस्ल संरक्षण तथा उत्पादकता बढ़ाने में अग्रणी हैं।
सर्वश्रेष्ठ डेयरी सहकारी समिति या संगठन
यह पुरस्कार उन डेयरी सहकारी समितियों या कंपनियों को मिलेगा जो छोटे और सीमांत किसानों को एकजुट करके दूध उत्पादन और विपणन को बढ़ावा देती हैं।
सर्वश्रेष्ठ कृत्रिम गर्भाधान तकनीशियन
यह पुरस्कार उन तकनीशियनों को मिलेगा जो पशुओं की नस्ल सुधार और उनके स्वास्थ्य के माध्यम से दूध उत्पादन में योगदान करते हैं।
पुरस्कार राशि और सम्मान
प्रथम स्थान वाले को 5 लाख रुपये नकद, प्रमाण पत्र और स्मृति चिन्ह।
द्वितीय स्थान वाले को 3 लाख रुपये नकद, प्रमाण पत्र और स्मृति चिन्ह।
तृतीय स्थान वाले को 2 लाख रुपये नकद, प्रमाण पत्र और स्मृति चिन्ह।
AIT श्रेणी (कृत्रिम गर्भाधान तकनीशियन) के विजेताओं को नकद इनाम नहीं मिलेगा लेकिन उन्हें प्रमाण पत्र और स्मृति चिन्ह से सम्मानित किया जाएगा।
पुरस्कार का उद्देश्य
राष्ट्रीय गोपाल रत्न पुरस्कार, भारत के राष्ट्रीय गोकुल मिशन का हिस्सा है। इसका मुख्य उद्देश्य स्वदेशी पशु नस्लों का वैज्ञानिक तरीके से संरक्षण और विकास करना है। यह पुरस्कार पशुपालन को एक टिकाऊ और लाभकारी व्यवसाय बनाने का प्रयास करता है जिससे किसानों की आय में बढ़ोतरी हो सके।
आवेदन प्रक्रिया
यदि आप इस पुरस्कार के लिए आवेदन करना चाहते हैं, तो आपको 15 सितंबर तक ऑनलाइन आवेदन करना होगा।
आवेदन करने के लिए आपको सरकारी पोर्टल awards.gov.in पर जाना होगा। आवेदन करते समय, यह सुनिश्चित करें कि आप सभी पात्रता मानदंडों को पूरा करते हैं, जैसे स्वदेशी नस्लों का विवरण, दूध उत्पादन का रिकॉर्ड और संगठन का पंजीकरण।