Donald Trump Tariff: देश में होगा एक बड़ा नुकसान, फोन निर्यात पर होगा टैरिफ का असर

Donald Trump Tariff: डोनाल्ड ट्रंप ने टैरिफ लगाकर चला एक बड़ा दाव, जिसके कारण भारत को हो सकता बड़ा नुकसान, इसका हल निकालने के लिए रणनीति तैयार करनी होगी।

 

Top Haryana, New Delhi: डोनाल्ड ट्रंप ने Reciprocal Tariff को लागू कर दिया है, इसके लागू करने के बाद अब अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप भारत से आने वाली सभी चीजों पर 26 प्रतिशत का टैरिफ वसूल करने की तैयारी में है।

डोनाल्ड ट्रंप के इस निर्णय से जहां एक तरफ भारत का बड़ा झटका लगा है तो वहीं दूसरी तरफ Apple को भी टैरिफ के कारण एक गहरी चोट पहुंची है, भारत से अमेरिका राष्ट्र में एक्सपोर्ट होने वाले फोन में सबसे अधिक हिस्सेदारी Apple कंपनी की है, रिपोर्ट्स के अनुसार Apple का एक्सपोर्ट रेवेन्यू में हिस्सेदारी 70 प्रतिशत है।

भारत लगाता है इतना टैरिफ

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक अमेरिका राष्ट्र से आने वाले स्मार्टफोन्स व इलेक्ट्रॉनिक्स सामान पर भारत 15 फीसदी बेसिक कस्टम ड्यूटी और 1.5 फीसदी अधिशुल्क लगाता है, Reciprocal का अर्थ यह है कि जितना टैरिफ भारत देश लगाता है उतना ही टैरिफ डोनाल्ड ट्रंप भी लगाएंगे, लेकिन ट्रंप ने इस बात को अभी तक साफ नहीं किया है, वह भारत से आने वाली चीजों पर 26 प्रतिशत का टैरिफ वसूलने की तैयारी कर रहे है।

भारत को नुकसान

डोनाल्ड ट्रंप के टैरिफ की गाज से देश से निर्यात होने वाले सभी तरह के मोबाइल फोन की बिक्री पर गहरा असर पड़ने वाला है, मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक वित्त वर्ष 2024 में भारत देश से टोटल 11.1 बिलियन डॉलर का इलेक्ट्रॉनिक्स सामान एक्सपोर्ट किया गया था।

भारत से अमेरिका राष्ट्र में निर्यात होने वाले सामान पर अभी तक कोई भी टैक्स नहीं लगता था लेकिन टैरिफ के बढ़ने से भारतीय कंपनियों को अमेरिका में सामान एक्सपोर्ट करने में काफी अधिक लागत आएगी जिसके चलते उनकी डिमांड कम हो सकती है, यदि ऐसा होता है तो भारतीय कंपनियों को एक बड़ा नुकसान होने की आशंका है।

Apple

इस समय Apple कंपनी भारत देश से इलेक्ट्रॉनिक्स सामान एक्सपोर्ट करने वाली एकमात्र सबसे बड़ी कंपनी है, जो भारत देश से हर महीने करोड़ों का सामान अमेरिका में भेजती है, भारत में मैन्युफैक्चरिंग करने के बाद Apple कंपनी अपने iphone को ग्लोबल मार्केट और अमेरिका जैसे बड़े देशों में एक्सपोर्ट करती है।

भारत को यदि इस समस्या से बाहर निकलना है तो कुछ रणनीतियां बनानी होंगी, जिससे निर्यात करने और सामान की बिक्री पर कोई असर ना पड़े, जैसे कि कंपनियों को दूसरे निर्यात मार्केट पर अपना ध्यान देने की आवश्यकता होगी और साथ ही अमेरिका से बातचीत करके इस टैरिफ का तोड़ निकालना होगा।