इस गांव में आकर्षण का केंद्र बनी AI रोबोट टीचर, बच्चों की लगा रही है क्लास

AI Robot Teacher: उत्तराखंड के एक छोटे से गांव में बच्चों और अन्य गाँव के लोगों के लिए एक टीचर सबका ध्यान अपनी और खींच रही है, आइए जानें इसके बारें में विस्तार से...
 

Top Haryana, Uttarakhand Desk: उत्तराखंड के पिथौरागढ़ जिले के जाजर चिंगरी गांव में एक खास बात इन दिनों सबका ध्यान खींच रही है। इस गांव के सरकारी स्कूल में एक रोबोट टीचर बच्चों को पढ़ा रही है। इस रोबोट का नाम Eco रखा गया है। यह कोई आम टीचर नहीं बल्कि एक AI (Artificial Intelligence) से चलने वाली रोबोट टीचर है, जो बच्चों को पढ़ाती है, उनसे सवाल करती है और उनके जवाब भी सुनती है।

Eco गांव में ही नहीं बल्कि आसपास के क्षेत्रों में भी चर्चा का विषय बन चुकी है। बच्चे ही नहीं गांव के बुजुर्ग भी इस अनोखी रोबोट टीचर को देखने स्कूल पहुंच रहे हैं। कहा जा रहा है कि यह देश का पहला ऐसा सरकारी स्कूल है, जहां बच्चों को रोबोट टीचर से पढ़ाया जा रहा है।

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अब सोचने वाली बात यह है कि इस दूर-दराज के गांव, जहां इंटरनेट की सुविधा भी ठीक से नहीं है, वहां यह रोबोट टीचर कैसे पहुंची? स्कूल के शिक्षक चंद्रशेखर जोशी इसका जवाब है । उन्होंने अपने दम पर इस अनोखे सपने को साकार किया। उन्होंने एक इंजीनियर दोस्त की मदद से करीब 4 लाख रुपये खर्च कर इस AI रोबोट को तैयार किया।

Eco स्कूल के बरामदे में बच्चों को पढ़ाती है, क्योंकि वहीं इंटरनेट का सिग्नल थोड़ा बेहतर आता है। Eco रोबोट बच्चों से बातचीत करती है, उन्हें पढ़ाती है, और उनकी पढ़ाई में मदद करती है। इस रोबोट को जोशी के चीन में रहने वाले एक दोस्त ने तैयार करने में मदद की। उन्होंने रोबोट के पार्ट्स को तीन अलग-अलग पैकेट्स में भेजा और वीडियो कॉल्स व व्हाट्सएप के ज़रिए जोशी को इसे जोड़ने का तरीका सिखाया।

आज Eco टीचर की वजह से यह छोटा सा गांव देशभर में चर्चा में आ गया है। यह एक उदाहरण है कि अगर किसी के इरादे मजबूत हों तो संसाधनों की कमी भी रोड़ा नहीं बनती। जोशी ने यह साबित कर दिखाया है कि नई तकनीक का सही इस्तेमाल शिक्षा जैसे अहम क्षेत्र में भी बदलाव ला सकता है।

इस तरह की रोबोट टीचर्स उन स्कूलों के लिए बहुत फायदेमंद हो सकती हैं जहां शिक्षकों की कमी है। देश के कई दूरदराज के इलाकों में शिक्षक नहीं पहुंच पाते, ऐसे में AI रोबोट टीचर एक बेहतरीन विकल्प बन सकती है।

बस जरूरत है सोच और मेहनत की Eco टीचर ने यह भी दिखा दिया कि तकनीक का इस्तेमाल केवल बड़े शहरों में ही नहीं गांवों में भी किया जा सकता है। यह एक नई शिक्षा क्रांति की शुरुआत हो सकती है।

इस कहानी से हमें यह सिखने को मिलता है कि कुछ अलग करने का जुनून हो, तो मुश्किलें भी रास्ता दे देती हैं। Eco अब सिर्फ एक रोबोट नहीं, बल्कि एक प्रेरणा बन चुकी है, बच्चों के लिए, गांव वालों के लिए और देश के लिए भी।

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