Success Story: गांव ने किया पढ़ाई का विरोध, चौथे प्रयास में बनीं IAS अफसर प्रिया रानी
Top Haryana news: प्रिया रानी बिहार के फुलवारी शरीफ के कुरकुरी गांव की रहने वाली हैं। वह शुरू से पढ़ाई में होनहार थीं लेकिन उनके गांव में लड़कियों की पढ़ाई को अच्छा नहीं माना जाता था।
जब प्रिया ने आगे पढ़ने की इच्छा जताई तो गांव के लोगों ने इसका विरोध किया। पूरे गांव ने उनके पढ़ने के खिलाफ आवाज उठाई लेकिन प्रिया का हौसला डगमगाया नहीं।
दादा ने दिया साथ
जब पूरा गांव उनके खिलाफ था तब उनके दादा ने उनका पूरा साथ दिया। उन्होंने प्रिया की पढ़ाई को समझा और उन्हें आगे बढ़ने का हौसला दिया। करीब 20 साल पहले प्रिया को पढ़ाई के लिए पटना भेजा गया जहां उन्होंने किराए के मकान में रहकर पढ़ाई की। यहीं से उनके UPSC के सफर की शुरुआत हुई।
इंजीनियरिंग के बाद UPSC की राह
प्रिया ने बीआईटी मेसरा से इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग की डिग्री ली। इसके बाद उन्होंने सिविल सेवा की तैयारी शुरू की। उनका पहला प्रयास असफल रहा लेकिन उन्होंने हार नहीं मानी। लगातार दूसरे और तीसरे प्रयास में भी उन्हें सफलता नहीं मिली जिससे उनका मन थोड़ा टूट गया लेकिन उनके पिता का समर्थन हमेशा उनके साथ रहा।
तीसरी बार मिली रैंक, लेकिन संतोष नहीं हुआ
साल 2021 में प्रिया को UPSC में ऑल इंडिया रैंक 284 मिली थी। हालांकि, वे इस रैंक से संतुष्ट नहीं थीं। उन्होंने फिर से तैयारी की और चौथी बार परीक्षा दी। इस बार उनकी मेहनत रंग लाई और UPSC 2023 में उन्होंने 69वीं रैंक हासिल कर ली।
आज देश की सेवा में जुटीं
आज प्रिया रानी हिमाचल प्रदेश के कसौली में इंडियन डिफेंस सर्विस में अपनी सेवा दे रही हैं। उनका यह सफर यह बताता है कि मुश्किलें चाहे जितनी भी हों, अगर आपके अंदर जुनून और परिवार का साथ हो, तो कोई भी मंजिल दूर नहीं होती।