Haryana News: हरियाणा के चार सरपंचों ने किया कमाल, 15 अगस्त को पीएम मोदी करेंगे सम्मानित
Top Haryana: हरियाणा के लिए गर्व की बात है कि राज्य के चार सरपंचों को देश के सबसे बड़े मंच से सम्मानित किया जाएगा। स्वच्छता और जल संरक्षण के क्षेत्र में बेहतरीन काम करने वाले इन सरपंचों को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 15 अगस्त को दिल्ली में सम्मानित करेंगे। यह सम्मान न सिर्फ इन व्यक्तियों का बल्कि पूरे हरियाणा की पंचायत व्यवस्था की सफलता को दर्शाता है।
दिल्ली में होगा सम्मान समारोह
जानकारी के अनुसार ये चारों सरपंच 13 अगस्त को दिल्ली स्थित हरियाणा भवन पहुंचेंगे। 15 अगस्त को स्वतंत्रता दिवस के मौके पर उन्हें प्रधानमंत्री द्वारा सम्मानित किया जाएगा। इस अवसर पर इनकी देखरेख के लिए फरीदाबाद जिले के स्वच्छता मिशन के परियोजना अधिकारी उपेंद्र सिंह को नोडल अधिकारी नियुक्त किया गया है।
रविंद्र सिंह बांकुरा गांव बहादुरपुर फरीदाबाद
रविंद्र सिंह ने गांव में जल संरक्षण के लिए बड़ी पहल की। उन्होंने जोहड़ के पानी को खेतों तक पहुंचाने के लिए पाइपलाइन डलवाई जिससे भूजल स्तर बेहतर हुआ। स्कूल में पार्क और ट्रैक बनवाया गया। गांव में घर-घर से कचरा उठाने की व्यवस्था की गई जिससे गांव स्वच्छ बना।
सुमित्रा देवी गांव शेरपुरा भिवानी
महिला सरपंच सुमित्रा देवी ने गांव में सुंदर पार्क और ओपन जिम बनवाया। फिरनी का निर्माण करवाया और नालियों के पानी के लिए सोखते गड्ढे बनवाए। पूरे गांव में स्ट्रीट लाइट लगवाई गई और कचरा प्रबंधन की अच्छी व्यवस्था की गई, जिससे गांव में सफाई व्यवस्था बेहतर हुई।
रतनपाल सिंह गांव नीरपुर राजपूत महेंद्रगढ़
रतनपाल सिंह ने पुराने जोहड़ों की खुदाई कर नहर से पानी लाया। दूषित पानी के लिए सोखते गड्ढे बनाए। गांव में छह एकड़ भूमि पर ग्रामीण स्टेडियम और सिंथेटिक ट्रैक का निर्माण शुरू किया गया। गांव को नशा मुक्त घोषित किया और स्ट्रीट लाइट भी लगवाई।
जसमेर सिंह गांव सुल्तानपुर करनाल
जसमेर सिंह ने ‘फाइव पाउंड योजना’ के तहत जोहड़ को विकसित किया और नालियों के पानी को शुद्ध कर संरक्षित किया। वे खुद रोज़ाना दो घंटे सफाई करते हैं और सफाई के लिए गांव में मिसाल कायम की। ग्राम सचिवालय को प्रदेश में सर्वश्रेष्ठ बनवाया।
देशभर की पंचायतों के लिए प्रेरणा
इन सरपंचों के कार्य दिखाते हैं कि अगर इरादा मजबूत हो तो गांवों की तस्वीर बदली जा सकती है। इनका सम्मान एक सकारात्मक संदेश है कि स्थानीय नेतृत्व अगर आगे आए तो ग्रामीण विकास एक नई ऊंचाई पर पहुंच सकता है। ये चारों सरपंच आज हरियाणा की शान बन चुके हैं।