Haryana news: हरियाणा के इस जिले में ट्रैफिक जाम से मिलेगी राहत, ट्रैफिक सिग्नल पर लगेगा नया सिस्टम
Top Haryana: गुरुग्राम में ट्रैफिक की बढ़ती समस्या को कम करने और सड़क पर आवागमन को आसान बनाने के लिए लगातार नए कदम उठाए जा रहे हैं। इसी दिशा में अब शहर के ट्रैफिक को बेहतर ढंग से नियंत्रित करने के लिए ट्रैफिक टावर और आधुनिक तकनीक से लैस स्मार्ट ट्रैफिक सिग्नलों की मदद ली जा रही है।
ट्रैफिक टावर और ICCC से निगरानी
दिल्ली से सटे इस शहर में अब ट्रैफिक पुलिस ट्रैफिक टावर के जरिए पूरे शहर के ट्रैफिक पर नजर रख रही है। साथ ही गुरुग्राम मेट्रो डिवलेपमेंट अथॉरिटी (GMDA) के इंटीग्रेटेड कमांड एंड कंट्रोल सेंटर (ICCC) से भी ट्रैफिक की लाइव मॉनिटरिंग हो रही है। इन दोनों के जरिए ट्रैफिक की स्थिति का तुरंत पता लगाया जा सकता है और जरूरत के मुताबिक कार्रवाई की जा सकती है।
स्मार्ट ट्रैफिक सिग्नल परियोजना
GMDA द्वारा शुरू की गई स्मार्ट ट्रैफिक सिग्नल परियोजना के पहले चरण में सेक्टर 1 से 57 के बीच कुल 109 चौराहों पर स्मार्ट सिग्नल लगाए गए हैं। इन सिग्नलों की लाइव फीड ट्रैफिक टावर में उपलब्ध है।
जिससे ट्रैफिक पुलिस तुरंत स्थिति देखकर सिग्नल को नियंत्रित कर सकती है। ट्रैफिक टावर में एक इंजीनियर को भी नियुक्त किया गया है जो सिग्नल के संचालन को सुचारू बनाए रखता है।
न्यू गुरुग्राम में विस्तार
इस परियोजना का दूसरा चरण सेक्टर 58 से लेकर 115 तक के क्षेत्रों को कवर कर रहा है। इसमें कुल 32 चौराहों को स्मार्ट ट्रैफिक सिग्नलों से जोड़ा जा रहा है। इनमें से 24 चौराहों पर काम पूरा हो चुका है, जबकि 4 जगहों पर अभी काम जारी है।
इन जगहों पर लगे हैं सिग्नल
न्यू गुरुग्राम के जिन इलाकों में ये स्मार्ट सिग्नल लगाए गए हैं, उनमें प्रमुख हैं सेक्टर 102A, 103 डिवाइडिंग रोड (खेड़की माजरा), सेक्टर 110, 110A, 112-113 चौक, बजघेड़ा अंडरपास, सेक्टर 45-52 टी-प्वाइंट, विकास मार्ग, सेक्टर 101-102, 102A-104 चौक, सेक्टर 93-94-89 टी-प्वाइंट, रामपुरा-पटौदी रोड, दादी सती चौक (सेक्टर 86-85-90-89), जय सिंह चौक (सेक्टर 81-82-85-86), और सेक्टर 90-91-92-93 चौक।
ACTS तकनीक से लैस कैमरे
इन सभी सिग्नलों में एडैप्टिव ट्रैफिक कंट्रोल सिस्टम (ACTS) और व्हीकल डिटेक्टर कैमरे लगाए गए हैं। ये कैमरे ट्रैफिक की स्थिति को तुरंत पहचानकर सिग्नल की टाइमिंग को अपने आप नियंत्रित करते हैं।
इससे जाम की स्थिति में सुधार होता है और वाहन बिना ज्यादा रुके अपने गंतव्य की ओर बढ़ सकते हैं। साथ ही, किसी भी आपात स्थिति में ग्रीन कॉरिडोर बनाना भी आसान हो जाता है।