Haryana News: हरियाणा में पराली जलाने के तीन नए मामले, सैटेलाइट से हुई पहचान

Haryana News: हरियाणा में पराली जलाने का सिलसिला अभी थमा नहीं है, आइए जानें पूरी खबर विस्तार से...
 

Top Haryana News: हाल ही में प्रदेश के तीन जिलों में पराली जलाने के तीन नए मामले सामने आए हैं। ये मामले फरीदाबाद, फतेहाबाद और सोनीपत जिलों से आए हैं।

इन घटनाओं को सैटेलाइट तकनीक की मदद से पकड़ा गया है। इससे साफ है कि पराली जलाने का मुद्दा अभी भी गंभीर है और इसके समाधान के लिए और अधिक प्रयास की आवश्यकता है।

सैटेलाइट से पराली जलाने के मामले की पहचान

हरियाणा के कृषि विभाग के अधिकारियों ने बताया कि 15 सितंबर से 21 सितंबर के बीच इन तीन जिलों में पराली जलाने के मामले सामने आए थे। इन मामलों को सैटेलाइट की मदद से चिह्नित किया गया है।

जिससे पराली जलाने की घटनाओं पर कड़ी नजर रखी जा रही है। सैटेलाइट तकनीक से यह मालूम चलता है कि किस स्थान पर पराली जलाने की घटनाएं हुईं जिससे अधिकारियों को समय रहते कार्रवाई करने का मौका मिलता है।

अब तक कुल छह मामले सामने आ चुके हैं

इससे पहले, शनिवार और रविवार को करनाल, फरीदाबाद और सोनीपत में पराली जलाने के मामले सामने आए थे। अब तक हरियाणा में कुल छह मामले सामने आ चुके हैं। ये घटनाएं पर्यावरण के लिए नुकसानदायक हैं और इस कारण प्रदूषण में भी वृद्धि हो रही है।

हरियाणा सरकार और प्रशासन पराली जलाने के खिलाफ सख्त कार्रवाई की बात कर रहे हैं लेकिन ऐसे मामले लगातार सामने आ रहे हैं।

पिछले वर्षों में भी रही थी पराली जलाने की समस्या

इससे पहले, हरियाणा में पराली जलाने के मामलों में पिछले सालों में भी उतार-चढ़ाव रहे हैं। साल 2020 में इस दौरान कुल 16 मामले सामने आए थे जबकि 2022 में केवल 1 मामला था।

2023 में 7 मामले दर्ज हुए थे और 2024 में यह संख्या फिर से बढ़कर 16 हो गई है। इस आंकड़े से यह स्पष्ट होता है कि पराली जलाने की समस्या हर साल गंभीर होती जा रही है और इसे रोकने के लिए और भी ठोस कदम उठाने की आवश्यकता है।

समाधान की दिशा में क्या कदम उठाए जा रहे हैं?

हरियाणा सरकार ने पराली जलाने पर नियंत्रण पाने के लिए कई कदम उठाए हैं, जैसे किसानों को पराली के निस्तारण के लिए मशीनरी उपलब्ध कराना, और उन्हें वैकल्पिक उपायों के लिए प्रोत्साहित करना।

हालांकि यह समस्या अभी पूरी तरह से हल नहीं हो पाई है और सरकार को इस पर और प्रभावी कार्यवाही करनी होगी ताकि प्रदूषण को नियंत्रित किया जा सके और पर्यावरण को नुकसान से बचाया जा सके।