Haryana News: हरियाणा में अब HSVP पोर्टल से होगी प्रॉपर्टी खरीद-बिक्री, खत्म हुई बिचौलियों की भूमिका

Haryana News: हरियाणा सरकार ने प्रॉपर्टी खरीद-बिक्री को लेकर एक बड़ा और नया फैसला लिया है, आइए जानें पूरी खबर में...
 

Top Haryana News: अब शहरी क्षेत्रों में प्राइवेट प्रॉपर्टी की खरीद-फरोख्त हरियाणा शहरी विकास प्राधिकरण (HSVP) के पोर्टल के जरिए ही होगी। इस फैसले का मकसद पूरी प्रक्रिया को पारदर्शी और डिजिटल बनाना है।

सरकार का कहना है कि इससे हर लेन-देन सरकार की निगरानी में रहेगा और बिचौलियों की भूमिका खत्म हो जाएगी।

विक्रेता को करनी होगी ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन

नई व्यवस्था के तहत जो भी व्यक्ति अपनी प्रॉपर्टी बेचना चाहता है उसे HSVP पोर्टल पर रजिस्ट्रेशन कराना होगा। इसके लिए 10 हजार रुपये की नॉन-रिफंडेबल फीस देनी होगी साथ ही GST का भी भुगतान करना पड़ेगा।

रजिस्ट्रेशन के साथ विक्रेता को केवाईसी डॉक्यूमेंट, कानूनी वारिसों की सहमति, प्रॉपर्टी विवाद मुक्त होने का प्रमाण और प्रॉपर्टी की पूरी जानकारी भी देनी होगी।

ऑनलाइन होगी बोली

जब प्रॉपर्टी पोर्टल पर लिस्ट हो जाएगी, तो खरीदार ऑनलाइन बोली लगाएंगे। जो खरीदार सबसे ऊंची बोली लगाएगा वही उस प्रॉपर्टी को खरीद सकेगा। सौदा तय होते ही पोर्टल पर ही ट्रांसफर की परमिशन अपने आप जारी हो जाएगी जो 90 दिनों तक मान्य रहेगी।

लेन-देन पर लगेगा मामूली कमीशन

सरकार ने खरीद-बिक्री पर कमीशन भी तय किया है। विक्रेता को प्रॉपर्टी की मांग की गई कीमत का 0.25% और खरीदार को अंतिम बोली राशि का 0.50% बतौर कमीशन देना होगा। यह राशि पोर्टल पर ही जमा करनी होगी।

पारदर्शिता और गोपनीयता की मिलेगी गारंटी

पोर्टल के जरिए की जाने वाली सभी डील पूरी तरह गोपनीय रखी जाएंगी। खरीदार और विक्रेता की मोबाइल नंबर व ईमेल जैसी जानकारी डील पूरी होने तक छुपाकर रखी जाएगी।

इसके अलावा सौदे के हर चरण की जानकारी दोनों पक्षों को SMS और ईमेल के माध्यम से दी जाएगी जिससे किसी तरह की गड़बड़ी या धोखाधड़ी की संभावना न रहे।

शुरुआत में 5 बड़े शहरों में लागू होगी योजना

HSVP ने इस व्यवस्था को फिलहाल हरियाणा के 5 बड़े शहरों में लागू करने का फैसला लिया है। इन शहरों में ऑक्शन की तारीखें भी तय कर दी गई हैं। सरकार को उम्मीद है कि इस फैसले से प्रॉपर्टी बाजार में पारदर्शिता बढ़ेगी और आम लोगों को सीधे फायदा मिलेगा।

प्रॉपर्टी डीलर्स में नाराजगी

इस नई व्यवस्था से प्रॉपर्टी डीलर्स की नाराजगी भी सामने आई है क्योंकि अब उनकी कमाई पर सीधा असर पड़ेगा। बिचौलियों की जरूरत खत्म हो जाने से डीलर्स की भूमिका सीमित हो जाएगी।