Haryana news: हरियाणा कैबिनेट मीटिंग में बड़े फैसले, कर्मचारियों को मिली कई सौगातें
Top Haryana: रियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी की अध्यक्षता में चंडीगढ़ स्थित सिविल सचिवालय में कैबिनेट की बैठक हुई। इस बैठक में कुल 33 में से 32 एजेंडों को मंजूरी दी गई। इस दौरान सरकारी कर्मचारियों, महिलाओं, किसानों और आम जनता से जुड़ी कई अहम घोषणाएं की गईं। मुख्यमंत्री ने बैठक के बाद मीडिया को बताया कि यह फैसले लोगों को राहत देने वाले और प्रशासनिक सुधारों की दिशा में अहम हैं।
कर्मचारी परिवारों को अब 2 साल तक मिलेगा सरकारी आवास
सरकार ने फैसला लिया है कि अब अगर किसी सरकारी कर्मचारी की मृत्यु हो जाती है, तो उसके परिवार को सरकारी आवास की सुविधा एक साल के बजाय दो साल तक मिलेगी। पहले यह सुविधा केवल एक साल तक ही मिलती थी जिससे परिवार को जल्द ही घर खाली करना पड़ता था। अब इस फैसले से शोकाकुल परिवारों को राहत मिलेगी।
महिला कर्मचारियों के लिए बढ़ी छुट्टियां
सरकार ने महिला कर्मचारियों को बड़ी राहत दी है। अब उन्हें आकस्मिक छुट्टियों (casual leave) की संख्या 20 से बढ़ाकर 25 कर दी गई है। इसके साथ ही HKRN (हरियाणा कौशल रोजगार निगम) की महिला कर्मचारियों को भी एक दिन की अतिरिक्त छुट्टी मिलेगी।
पेंशन स्कीम में बदलाव, रिटायर्ड कर्मचारियों को राहत
कैबिनेट बैठक में एक और बड़ा फैसला रिटायर्ड कर्मचारियों के लिए लिया गया। अब केंद्र सरकार की तर्ज पर हरियाणा में भी यूनिफाइड पेंशन स्कीम (UPS) लागू की जाएगी। इस स्कीम के तहत पेंशन कर्मचारी की नौकरी के अंतिम 12 महीनों की सैलरी के आधार पर तय होगी। इसका लाभ उन कर्मचारियों को मिलेगा जिन्होंने साल 2006 के बाद नौकरी ज्वाइन की है।
भ्रष्ट अधिकारी पर कड़ी कार्रवाई
बैठक में भ्रष्टाचार के खिलाफ भी सख्ती दिखाई गई। एचसीएस अधिकारी अश्विनी कुमार को जबरन रिटायर करने के फैसले पर मुहर लगी है। उन पर गंभीर भ्रष्टाचार के आरोप हैं और उनके खिलाफ विभागीय जांच चल रही है। जल्द ही इस संबंध में आदेश जारी किया जाएगा।
एंटी करप्शन ब्यूरो का नाम बदला
कैबिनेट ने यह भी फैसला लिया है कि अब एंटी करप्शन ब्यूरो का नाम बदलकर “राज्य सतर्कता एवं भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो” कर दिया जाएगा। इससे संस्था की पहचान और कार्यक्षमता में सुधार आने की उम्मीद है।
भूमि खरीद नीति 2025 को मंजूरी
राज्य सरकार ने नई भूमि खरीद नीति 2025 को भी मंजूरी दे दी है। अब किसान अपनी जमीन को अधिकतम रेट पर पूरी या आंशिक रूप से बेच सकेंगे। भूमि के लिए भारत सरकार के विभाग भी इस नीति का इस्तेमाल कर सकते हैं। एग्रीगेटर को 70% या उससे अधिक जमीन एकत्र करने पर 1 हजार से 3 हजार रुपये प्रति एकड़ तक प्रोत्साहन राशि दी जाएगी।
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