Haryana news: बाबा राम रहीम हुए जेल से रिहा, 40 दिन की मिली पैरोल, समर्थकों में खुशी

Haryana news: हरियाणा में सिरसा जिले के डेरा सच्चा सौदा के प्रमुख राम रहीम को जेल से रिहा कर दिया गया है, आइए जानें पूरी खबर विस्तार से... 
 

Top Haryana: हरियाणा से एक बड़ी खबर सामने आई है। डेरा सच्चा सौदा प्रमुख बाबा राम रहीम को 40 दिन की पैरोल पर जेल से रिहा कर दिया गया है। वह रोहतक की सुनारिया जेल में सजा काट रहे थे।

मंगलवार सुबह राम रहीम को उनके खास लोगों की मौजूदगी में जेल से बाहर लाया गया और सिरसा स्थित डेरे के लिए रवाना कर दिया गया।

जानकारी के अनुसार सुबह 7 बजे के करीब हनीप्रीत, डेरा चेयरमैन दान सिंह, डॉक्टर आरके नैन और शरणदीप सिंह सिटू दो गाड़ियों के काफिले में सुनारिया जेल पहुंचे और बाबा राम रहीम को साथ लेकर सिरसा निकल गए।

रक्षाबंधन और जन्मदिन पर डेरे में रहेंगे राम रहीम

इस बार राम रहीम को 40 दिनों के लिए पैरोल दी गई है। बताया जा रहा है कि इस दौरान वह सिरसा डेरे में रहेंगे। 15 अगस्त को बाबा राम रहीम का जन्मदिन है और रक्षाबंधन का त्योहार भी आने वाला है।

ऐसे में माना जा रहा है कि डेरे में दोनों ही अवसर पर बड़े स्तर पर आयोजन हो सकता है। राम रहीम के जेल से बाहर आने पर उनके समर्थकों में खुशी देखी जा रही है।

2017 से जेल में
गौरतलब है कि बाबा राम रहीम को साध्वी यौन शोषण मामले में दोषी करार देते हुए 2017 में जेल भेजा गया था। तब से वह रोहतक की सुनारिया जेल में सजा काट रहे हैं। यह पहली बार नहीं है जब उन्हें जेल से बाहर आने का मौका मिला हो। 2025 में यह तीसरी बार है जब राम रहीम को जेल से बाहर निकाला गया है। इससे पहले फरवरी और अप्रैल में उन्हें 21-21 दिन की फरलो दी गई थी।

अब तक 14 बार मिल चुकी है पैरोल और फरलो

जानकारी के अनुसार 2017 से अब तक बाबा राम रहीम को कुल 14 बार पैरोल या फरलो मिल चुकी है। आमतौर पर चुनावों के आसपास या त्योहारों के समय उन्हें जेल से छुट्टी दी जाती रही है। हरियाणा, पंजाब, राजस्थान और दिल्ली में जब भी कोई बड़ा मौका रहा है तब राम रहीम को बाहर आने का मौका मिला है।

पैरोल और फरलो में फर्क

पैरोल और फरलो को लेकर लोग अक्सर भ्रमित रहते हैं। कानूनी रूप से पैरोल एक अस्थायी रिहाई होती है जिसे कैदी के अच्छे व्यवहार और कुछ जरूरी कारणों के आधार पर दिया जाता है लेकिन इसकी अवधि सजा में नहीं जोड़ी जाती।

जबकि फरलो छुट्टी की तरह होती है और इसकी अवधि कैदी की सजा में शामिल कर ली जाती है। बाबा राम रहीम को दोनों तरह की छुट्टियां समय-समय पर मिलती रही हैं।