8th Pay Commission: सरकार ने लगाई फिटमेंट फैक्टर पर मुहर, सरकारी कर्मचारियों की सैलरी में होगा तगड़ा इजाफा
8th Pay salary hike : 8वें वेतन आयोग को सरकार अब जल्द ही लागू करने जा रही हैं। इसके लिए अब फिटमेंट फैक्टर फाइनल कर लिया गया है। इससे देश के लाखों कर्मचारियों के वेतन और पेंशनर्स की पेंशन में अब तगड़ा इजाफा देखने को मिलेगा।
Top Haryana, New Delhi: नए वेतन आयोग के गठन की घोषणा होने के बाद से ही केंद्रीय कर्मचारियों में इसके तहत की जाने वाली वेतन बढ़ौतरी को लेकर काफी तेजी से चर्चाएं हो रही हैं।
देश भर के सरकारी कर्मचारियों को इस समय 7वें वेतन आयोग के तहत तय किए गए फिटमेंट फैक्टर 2.57 के हिसाब से ही वेतन मिल रहा है। 8वें वेतन आयोग में इससे भी अधिक फिटमेंट फैक्टर तय किए जाने की उम्मीद हैं। जिससे कर्मचारियों के वेतन और पेंशनर्स की पेंशन में काफी तगड़ी बढ़ौतरी देखने को मिलेगी।
इसे लेकर फिटमेंट फैक्टर के हिसाब से अब कर्मचारी अपनी सैलरी की गणना भी करने लगे हैं, पर समझने वाली बात तो यह है कि वास्तव में फिटमेंट फैक्टर किस तरीके से काम करता है जिससे इनकी सैलरी की सही से कैलकुलेशन की जा सके। आइये जानते हैं इस खबर के माध्यम से...
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फिटमेंट फैक्टर कैसे काम करता हैं
कई कर्मचारी फिटमेंट फैक्टर को लेकर समझते हैं कि यह जितना ज्यादा होगा उतने गुना ही सैलरी में बढ़ौतरी होगी, पर वास्तव में ऐसा नहीं होता। इसको मूल वेतन से ही गुना किया जाता है ग्रोस सैलरी से इसका कोई लेना देना नहीं हैं। इसलिए फिटमेंट फैक्टर की बढ़ोतरी के अनुपात के हिसाब से कभी वेतन और पेंशन नहीं बढ़ती हैं।
यही कारण है कि बेसिक पे की तरह ही ग्रॉस सैलरी में फिटमेंट फैक्टर का समान रूप से असर नहीं दिखाई देता हैं। ग्रॉस सैलरी में कई दूसरे तरह के घटक भी शामिल होते हैं। वेतन और पेंशन में संशोधन करते समय पे कमीशन इन कई बातों पर सही से विचार करता है।
जैसे कि डीए को मूल वेतन के साथ में मिलाना और कई भत्तों को साथ में जोड़ना या उनको हटाना। फिटमेंट फैक्टर को मूल वेतन के साथ में गुणा करके सैलरी की कैलकुलेशन की जाती है। ऐसा भी माना जा रहा है कि 2.86 फिटमेंट पर भी सरकार की तरफ से मुहर लग गई है।
अब 8वें वेतन आयोग जल्द ही लागू हो जाएगा। हालांकि इस पर सरकार ने अभी तक कोई आधिकारिक पुष्टि नहीं की है।
फिटमेंट फैक्टर और सैलरी बढ़ने का फॉर्मूला
7वें वेतन आयोग में 2.57 फिटमेंट फैक्टर के हिसाब से संशोधन किया गया था। इससे कर्मचारियों की बेसिक सैलरी को 7 हजार रुपये से बढ़ाकर 18 हजार रुपये कर दी गई थी। इसके साथ ही Level 1 से लेकर 3 तक के सभी कर्मचारियों की सैलरी और पेंशन में करीब 15 प्रतिशत तक का इजाफा हुआ था।
Level 4 और लेवल 10 के कर्मचारियों की सैलरी में भी 7वें वेतन आयोग के समय में तगड़ी बढ़ौतरी हुई थी। अगर बात करें छठे वेतन आयोग की, तो इसमें फिटमेंट फैक्टर 1.86 रहा था, लेकिन वेतन में बढ़ोतरी 54 प्रतिशत से अधिक हुई थी। इससे यह बात तो क्लियर होती है कि हाई फिटमेंट फैक्टर तय होने से यह तो जरूरी नहीं है कि कर्मचारीयों की ग्रॉस सैलरी में उसी अनुसार ही बढ़ौतरी होगी।
पिछले वेतन आयोगों में इतनी हुई थी वेतन वृद्धि
-पहले वेतन आयोग में कर्मचारियों की सैलरी निर्धारित की गई थी।
-दूसरे वेतन आयोग में बढ़ौतरी: 14.2 प्रतिशत
-तीसरे वेतन आयोग में बढ़ौतरी: 20.6 प्रतिशत
-चौथे वेतन आयोग में बढ़ौतरी: 27.6 प्रतिशत
-पांचवें वेतन आयोग में बढ़ौतरी: 31.0 प्रतिशत
-छठे वेतन आयोग में बढ़ौतरी: 54.0 प्रतिशत
-सातवें वेतन आयोग में बढ़ौतरी: 14.3 प्रतिशत