Donald Trump Tariff: ऑटो सेक्टर अब निकलेगा टैरिफ का समाधान, इस प्रकार कर रहा है बड़ी तैयारी
Donald Trump Tariff: ट्रंप ने ऑटो सेक्टर की कंपनियों पर टैरिफ लगाने का निर्णय लिया है, कंपनियां इस टैरिफ का समाधान निकालने में जुट चुकी है।
Top Haryana, New Delhi: अमेरिक के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने ऑटो सेक्टर को एक बड़ा झटका देते हुए 25 प्रतिशत का टैरिफ लगा दिया है, जिसके चलते अब ऑटो कंपनियां डोनाल्ड ट्रंप के इस टैरिफ का तोड़ निकालने में लग गई है, ट्रंप के इस निर्णय का सीधा प्रभाव ऑटो कंपनियों पर दिखाई देता है।
Tata मोटर्स की Jaguar Land Rover यूनिट के अलावा Samvardhana Motherson, Sona BLW, Bharat Forge और Ramkrishna Forgings जैसी बड़ी और नामी कंपनियां भी ट्रंप टैरिफ के फैसले से प्रभावित होंगी।
पूर्ण रूप से असेंबल किए गए वाहनों पर टैक्स 3 अप्रैल से लागू होने वाले है और ठीक 1 महीने बाद से ऑटो पार्ट्स को भी इसके अंतर्गत शामिल किया जाएगा, भारत देश के लिए यूरोप के बाद अमेरिका ही सबसे बड़ा दूसरा ऑटो पार्ट्स निर्यात बाजार है, इस फैसले से भारत के सामने लगभग 6.79 बिलियन डॉलर के कॉम्पोनेंट्स को एक्सपोर्ट करना एक बड़ी चुनौती साबित हो सकती है।
टैरिफ पर ट्रंप का बयान
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप का कहना है कि टैरिफ के कारण ऑटो कंपनियों को अमेरिका राष्ट्र में ही अपनी फैक्ट्री शुरू करने के लिए मजबूर होना पड़ेगा, जिसके चलते सबसे अधिक फायदा यह होगा कि हमारे देश में ज्यादा नौकरियों के अवसर उत्पन्न होंगे।
ट्रंप टैरिफ के निर्णय पर भारतीय अधिकारियों का कहना कुछ अलग ही है, उनका कहना है कि अमेरिकी राष्ट्रपति का यह निर्णय आर्थिक रूप से ठीक नहीं है, एक ऑटो कंपोनेंट फर्म के अधिकारी के मुताबिक यह एक अस्वीकार्य कदम है।
कंपनियां निकालेंगी समाधान
अमेरिका राष्ट्र में उत्पादन और श्रम लागत काफी अधिक और महंगी है, यही मुख्य वजह है कि ऑटो कंपनियां 25 प्रतिशत टैक्स पर आयात करना जारी रखेंगी, जिससे उनको कोई बड़ा नुकसान नहीं होने वाला है, सरल भाषा में समझें तो इसका अर्थ यह है कि कंपनियों पर यदि वजन पड़ेगा तो कंपनियां इस वजन को ग्राहकों पर थमा देगी, जिससे अमेरिका में गाड़ियों की कीमतें अधिक हो जाएगी।
अमेरिका में प्रोडक्शन
अमेरिका राष्ट्र ने भारत देश से आयात किए जाने वाले ऑटो पार्ट्स पर 0 टैक्स लगाया हुआ था लेकिन अब इस टैरिफ लगाने के पीछे का इरादा अमेरिका में स्थानीय प्रोडक्शन को विकसित करना है लेकिन अमेरिका में प्रोडक्शन करना सबसे अधिक महंगा समझौता है।
अमेरिका राष्ट्र में बिकने वाले ज्यादातर वाहन इम्पोर्ट होते है और यहां पर असेंबल किए गए वाहनों में इस्तेमाल होने वाले पार्ट्स 60 फीसदी विदेशों से आते है, ऑटो कंपोनेंट मैन्युफैक्चरर्स एसोसिएशन के अनुसार वित्त वर्ष 2024 में भारत ने अमेरिका को 6.79 बिलियन डॉलर के ऑटो पार्ट्स निर्यात किए थे जो पिछले वर्ष की तुलना में 4.5 प्रतिशत अधिक है।