Bike Tips: सावधान! सैकेंड हैंड वाहन खरीदते समय भूलकर भी न करें ये 5 गलतियां
Top Haryana, New Delhi: नई गाडी खरीदना हर किसी के बजट में नहीं होता है इसलिए ऑटो बाजार में सैकेंड हैंड गाडी की मांग बढ़ती जाती हैं। अगर आप भी इस समय बाजार से सैकेंड हैंड गाडी या बाइक खरीदने की तैयारी कर रहे हैं तो इसके लिए आपको इन बातों का खास ध्यान रखना होगा वरना आपको नुक्सान उठाना पड़ सकता हैं।
भारत में नए टू-व्हीलर की मांग भी काफी बढ़ रही हैं, लेकिन पुराने स्कूटर और बाइक की मांग में भी कमी नहीं आई है। सेकंड हैंड टू-व्हीलर में होंडा एक्टिवा, बजाज पल्सर, होंडा शाइन और हीरो स्प्लेंडर जैसे मॉडल इस समय काफी लोकप्रिय हैं।
अगर आप भी पुराना स्कूटर या बाइक खरीदने की सोच रहे हैं, तो इसके लिए आपको कुछ बातों का ध्यान रखना बहुत ही जरूरी है, वरना आपको यह सौदा महंगा पड़ सकता है। सैकेंड हैंड से बाइक या स्कूटर खरीदते समय, सबसे ज़रूरी बातों की बात करें तो सबसे पहले उसकी सर्विस हिस्ट्री का रिकॉर्ड चेक करना चाहिए।
ये रिकॉर्ड बताता है कि गाड़ी की नियमित सर्विसिंग की गई है या नहीं। इसके अलावा हमें यह भी पता चलता हैं कि बाइक के कौन-कौन से पार्ट्स बदले गए हैं और गाड़ी में किस तरह की खराबी आई थी। बता दें कि अगर गाड़ी की सर्विस हिस्ट्री का रिकॉर्ड ठीक है, तो इसका मतलब साफ है कि गाड़ी का अच्छे से रखरखाव किया गया है।
इसलिए गाडी खरीदने से पहले उसके बारें में सही से जानकारी होना बहुत ही जरूरी हैं। कई लोग सर्विस हिस्ट्री का रिकॉर्ड देखे बिना ही डील को फाइनल कर लेते हैं और बाद में उन्हें परेशानियों का सामना करना पड़ता है। इसके साथ ही सेकंड हैंड बाइक या स्कूटर खरीदते समय वाहन के इंश्योरेंस के बारे में सावधानी बरतना बेहद ज़रूरी है।
अक्सर देखा जाता है कि लोग इंश्योरेंस की अवधि खत्म होने पर भी उसे रिन्यू कराना भूल जाते हैं। सैकेंड हैंड बाइक या स्कूटर खरीदने से पहले आप एक बार उसे ज़रूर चलाकर देखें। इससे आपको गाड़ी की असली कंडीशन का अंदाज़ा हो जाएगा। गाड़ी चलाते समय गाड़ी के एक्सीलेरेटर, गियर शिफ्टिंग और पिकअप पर विशेष रूप से ध्यान देना होता हैं।
अगर आपको चलाने में कोई दिक्कत आ रही है तो डील को आगे न बढ़ाएँ। हमेशा ही गाड़ी खरीदने से पहले आप मैकेनिक से चेक करवा लें। मैकेनिक आपको बता सकता है कि क्या यह खरीदने लायक है या नहीं। वह इंजन, ब्रेक, टायर, लाइट्स और अन्य पार्ट्स की सही से जांच कर सकता है। सेकंड हैंड व्हीलर खरीदते समय, वाहन के मालिक से NOC लेना ज़रूरी होता है।