Wheat Procurement Haryana: गेहूं की खरीद आज से होगी शुरू, हरियाणा सरकार ने रखा इतने लाख टन खरीद का टारगेट

Haryana News: हरियाणा की अनाज मंडियों में आज से गेहूं की सरकारी खरीद शुरू होने जा रही हैं। इस बार प्रदेश सरकार ने इतनी गेहूं खरीदने का लक्ष्य रखा है।

 

Top Haryana: हरियाणा की 415 अनाज मंडियों में आज से गेहू की सरकारी खरीद शुरू होने जा रही हैं। मिली जानकारी के अनुसार फिलहाल इन अभी मंडियों में गेंहू खरीद के लिए पर्याप्त तैयारियां पूरी नहीं की जा सकी हैं। बता दें कि कहीं बारदाना नहीं पहुंचा है तो कई मंडियों में मूलभूत सुविधाओं की कमी है।

इसके साथ ही सभी मंडियों में गेहूं उठान को लेकर भी टेंडर भी नहीं हुए हैं। सरकार ने आज से खरीद शुरू कर दी हैं। वहीं, इसके साथ ही कुछ विपक्षी नेताओं ने इस मुद्दे पर सरकरा को घेरना शुरू कर दिया हैं। सिरसा से सांसद कुमारी सैलजा ने सरकार की आधी-अधूरी तैयारियों को लेकर सरकार पर निशाना साधा है।

इसके अलावा कैथल जिले की पूंडरी अनाज मंडी में अभी तक कोई तैयारी नहीं दिख रही है। मंडी में फड़ और छपर अभी तक तैयार नहीं हैं। इसके साथ ही मंडी के मुख्य गेट के बाहर सड़क पर सीवरेज का काम चल रहा है, जिससे किसानों और व्यापारियों को आने-जाने में दिक्कतों का सामना करना पड़ सकता हैं। प्रशासन ने इसको लेकर के तैयारियां तेज कर दी हैं।

विपक्ष सरकार पर आरोप लगा रहा हैं कि सरकार को पूरी तैयारी के बिना गेंहू नहीं खरीदनी चाहिए। मंडियों में पहले सरकार पुख्ता बंदोबस्त करें उसके बाद ही किसानों की फसल को खरीदे। बता दें कि गेंहू राज्य की प्रमुख फसल हैं। यह राज्य के ज्यादातर इलाके में बोई जाती हैं। इस बार इसका उत्पादन भी अधिक होने की संभावना है। ऐसे में सरकार की तरफ से पूरी सुविधाएं किसानों को दी जानी चाहिए।

कांग्रेस सांसद शैलजा ने सरकार पर लगाए गंभीर आरोप 

कांग्रेस सांसद कुमारी सैलजा ने सरकार पर आरोप लगाया है कि मंगलवार से प्रदेश में गेहूं की सरकारी खरीद शुरू होने जा रही है पर अभी तक कोई तैयारी नहीं है, सरकार की तरफ से बारदाना और गेंहू उठान के लिए अभी तक टेंडर तक जारी नहीं किए गए हैं। इसके साथ ही मंडियों में न तो पीने के पानी का उचित प्रबंध हैं और न ही यहां की स्ट्रीट लाइटें ठीक की गई हैं।

किसान रात के समय में अपनी फसल को बेचने के लिए आए तो यहां पर किसी भी तरह का उचित प्रबंध नहीं किया गया है। प्रदेश सरकार अभी तक केवल घोषणाएं करने में लगी है, लेकिन धरातल पर कुछ भी नजर नहीं आ रहा है। सरकार को इस दिशा में कठोर कदम उठाने की आवश्यकता हैं।