Meri Fasal Mera Byora portal: रबी फसल की बिक्री के लिए जल्द करें रजिस्ट्रेशन, 27 मार्च तक खुला रहेगा पोर्टल
Haryana News: हरियाणा कृषि विभाग के अनुसार अब तक 60 लाख 21 हजार एकड़ रबी की फसलों के लिए पंजीकरण करवाया जा चूका हैं। जो कुल पंजीकरण से कम हैं।

Top Haryana, Agriculture Desk: हरियाणा कृषि विभाग की रिपोर्ट के मुताबिक राज्य में कुल 89 लाख 86 हजार एकड़ कृषि योग्य भूमि में से केवल 60 लाख 21 हजार एकड़ रबी फसलों का ही पंजीकरण हुआ है, जो कुल पंजीकरण का 67.01 प्रतिशत ही है। इसी को ध्यान में रखते हुए अब विभाग ने पंजीकरण की अवधि को फिर से बढ़ा दिया हैं।
इस बार पोर्टल पर कम हुआ रबी फसलों का पंजीकरण
हरियाणा में रबी के सीजन की सरकारी खरीद की शुरुआत हो चुकी है, लेकिन इसके बावजूद किसानों द्वारा "मेरी फसल, मेरा ब्योरा" पोर्टल पर फसलों का पंजीकरण कम रहा है।
सरकार ने किसानों के लिए पंजीकरण की सुविधा देने के लिए पोर्टल को फिर से 27 मार्च तक खोला हैं। यह कदम किसानों को MSP पर अपनी उपज बेचने का मौका देने के लिए उठाया गया है, ताकि किसान निजी खरीदारों को कम कीमत पर अपनी फसल न बेचें। ऐसे में अब जो भी किसान बाकी रह गए हैं वो अब निर्धारित समय के भीतर अपना पंजीकरण करवा सकतें हैं।
यह हैं पंजीकरण की स्थिति
कृषि विभाग हरियाणा की रिपोर्ट के अनुसार, राज्य में कुल 89 लाख 86 हजार एकड़ कृषि योग्य भूमि में से 60 लाख 21 हजार एकड़ रबी फसलों का पंजीकरण हो चुका है, जो कुल पंजीकरण का 67.01 प्रतिशत ही है। हालांकि, इस आंकड़े में भी असमानता है, प्रदेश के कुछ जिलों में पंजीकरण की दर काफी अधिक है, जबकि कुछ जिलों में यह बहुत ही कम है।
आपको जानकारी के लिए बता दें कि हरियाणा सरकार राज्य के किसानों से एमएसपी पर फसल खरदती हैं, ताकि किसानों को निजी लोगो के पास में अपनी फसल को ना बेचना पड़ें और किसानों को उसकी फसल का सही से दाम मिल जाए।
अधिक पंजीकरण वाले जिले इस प्रकार से हैं
इस पोर्टल पर पंजीकरण के मामले में चरखी दादरी में 91.72 प्रतिशत पंजीकरण हुआ है, जोकि पूरे राज्य में सबसे अधिक है। इसके बाद दूसरे नंबर पर महेंद्रगढ़ में 82.94 प्रतिशत और भिवानी जिले हैं। इन जिलों के किसानों को एमएसपी पर अपनी फसल को बेचने में कोई परेशानी नहीं होगी।
कम पंजीकरण वाले जिले इस प्रकार से हैं
हालांकि, इसके साथ ही गुरुग्राम में 42.33 प्रतिशत, मेवात में 43.20 प्रतिशत और सोनीपत में 45.20 प्रतिशत सहित कुछ अन्य जिलों में पंजीकरण की दर काफी कम है। इन सभी जिलों में पंजीकरण कम होने की वजह से किसानों को अपनी फसल एमएसपी पर बेचने में दिक्कत आ सकती है।